वर्तमान समय में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी को लेकर महिलाओं में जागरूकता की कमी होने के कारण इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जागरूकता की कमी होने के कारण ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट किए जाते हैं इन मामलों में से कई बार पीड़ित महिला की मौत भी हो जाती है हेल्थ एक्सपर्ट बताते है कि बिगड़ी लाइफस्टाइल और शराब की आदत की वजह से भी कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं यदि समय रहते इस बीमारी की पहचान ना की जाए तो यह आपके लिए जानलेवा भी हो सकती है।


* ज्यादा उम्र में शादी करने से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर :

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार जो महिलाएं अधिक उम्र में जाकर शादी करती है उनमें ब्रेस्ट कैंसर बीमारी का खतरा ज्यादा होता है वर्तमान समय में देखा जाता है कि अपने करियर की वजह से लोग शादी देरी से करते हैं जिसकी वजह से बच्चा प्लान करने में भी 2 से 3 साल का समय लग जाता है रिपोर्ट बताती है कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हो कि कई महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती है जिसकी वजह से उन महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि ब्रेस्ट फीडिंग कराने से शरीर में हार्मोन में गड़बड़ी होने की आशंका कम रहती है। जो महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती है उन महिलाओं में हार्मोन असंतुलित रहते हैं। जिसकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और कई मामलों में देखा जाता है कि इस बीमारी का कारण जीने भी होता है। लेकिन जीन से होने वाले मामले बहुत कम देखने को मिलते है।


* ब्रेस्ट कैंसर किस तरह करें पहचान :

1. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार इस बीमारी के कुछ मामलों में ब्रेस्ट के आकार में बदलाव देखा जाता है। और रेस्ट में दर्द महसूस होने लगता है। हालांकि बताया जाता है कि ब्रेस्ट में होने वाली हर गांठ कैंसर कारक नहीं होती है लेकिन अगर गांठ बनी हुई है तो इसकी जांच जरूर करवाएं।

2. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार बेस्ट लो किसी भी प्रकार की गांठ होना भी स्तन कैंसर का शुरुआती लक्षण माना जाता है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सभी गांठें कैंसर कारक नहीं होती है। लेकिन किसी भी तरह की गांठ होने पर इसकी जांच जरूर करवाएं।

3. यदि आपको ब्रेस्ट में किसी भी तरह की समस्या महसूस होती है तो आप इस बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं इस बीमारी के लिए मैमोग्राम टेस्ट और स्तन का सेल्फ एग्जामिनेशन जी कर सकते हैं।। कि कोई गांठ तो नहीं है।

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