जयपुर।कोरोना वायरस महामारी ने आज पूरे विश्व की लाइफस्टाइल को बदल कर रख दिया है।इस संक्रमण के दौर में किसी ने अपनों को खोया, तो किसी ने खुद कोरोना की मार झेली है। हमारे देश भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कहर मचाया था। इसलिए हर किसी को इस वायरस से बचने के लिए कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया, जिसमें मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना, सामाजिक दूरी बनाना आदि शामिल है। वहीं, इसके बाद 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन आई, लेकिन चिंता कहीं न कहीं बच्चों की भी होने लगी क्योंकि कुछ समय पहले तक बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन नहीं थी। लेकिन अब भारत में 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों का भी टीकाकरण हो सकेगा। लेकिन ऐसे में सवाल ये है कि क्या व्यस्कों की तरह ही बच्चों में भी वैक्सीन के टीके के साइड इफेक्ट्स यानी दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं।

फ्लू के लक्षण—
बच्चों पर वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के साथ दर्ज किए गए सबसे आम इफेक्ट्स में फ्लू जैसे लक्षण शामिल हैं और ये अपेक्षित हैं। साथ ही ये प्रतिक्रियाशील माने जाते हैं। बच्चे में अगर वैक्सीनेशन के बाद यह लक्षण नजर आएं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ना कि अपनी मर्जी से कोई दवा लेनी चाहिए।

शरीर में दर्द और थकान की परेशानी—
वैक्सीन जब शरीर में अपने असर दिखाती है, तो इस दौरान कई साइड इफेक्ट्स नजर आते हैं। ऐसे में बच्चों में बाकी लोगों की तरह ही शरीर में दर्द और थकान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। लेकिन हमें इनसे घबराना नहीं है, बल्कि डॉक्टर द्वारा दी गई दवा का सेवन करें और अच्छे से आराम करें क्योंकि 2-3 दिनों में ये दिक्कतें दूर हो जाती हैं।

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