हाईकोर्ट केंद्र पर कई विषयों को लेकर लगातार सवाल करता रहा है और अब गुरुवार को एक बार फिर से हाईकोर्ट ने केंद्र को आड़े हाथ लिया। दरअसल हाईकोर्ट ने फोन पर बजने वाली कॉलर ट्यून को लेकर कटाक्ष किया जिसमे लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की जा रही है।

हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस कॉलर ट्यून का क्या मतलब है जबकि सरकार के पास वैक्सीन है ही नहीं, फिर भी लोगों से कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाएं। कोर्ट का सवाल था कि जब वैक्सीन है ही नहीं तो लगवाएगा कौन। लोगों ने कहा कि ये कॉलर ट्यून लोगों को बेहद परेशान कर रही है। एक तरफ लोग कोरोना से मर रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर पा रही वहीं दूसरी तरफ फोन मैसेज के जरिए उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है।

सरकार जो खुद को विश्व गुरु कहती हैउन्हें खुद नहीं पता है कि खुद वायरस की मार से जूझ रहे लोगों को कैसे रक्षा कवच प्रदान किया जाए। जब सरकार से कोरोना काल में किए गए उनके प्रयासों के बारे में पूछा जाता है तो सरकार के नुमाइंदे 70 साल का लेखाजोखा जनता को बताने लगते हैं। लेकिन कोरोना से लड़ने का उनके पास कोई जवाब नहीं है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि न तो ऑक्सिजन है और न ही दवाएं। वैक्सीन का तो अता पता भी नहीं है। अगर कुछ है तो केवल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और मोदी की फोटो। हाईकोर्ट ही नहीं सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र को कई बातों को लेकर फटकार लगाता रहा है।

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