दोस्तों, हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो सशरीर इस पृथ्वी पर विचरण करते हैं तथा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। हनुमान जी के स्मरण मात्र से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसीलिए हनुमान जी को संकटमोचन कहा गया है।

मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से वह अपने भक्तों पर अति प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से जातक को बुद्धि, बल, विवेक, यश और साहस की प्राप्ति होती है।

बता दें कि हनुमान जी के आदर्श भगवान श्रीराम हैं। हनुमान जी भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। इतना ही हनुमान जी राम भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

मान्यता है कि इस धरती पर जहां-जहां श्रीराम की पूजा-उपासना होती है, वहां हनुमान जी किसी ना किसी रूप में अवश्य प्रकट होते हैं। ऐसी कई कथाएं आती हैं, जहां हनुमान जी ने श्रीराम के भक्तों का पूर्ण कल्याण किया है।

इसलिए साधक को हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से पहले भगवान श्रीराम के नाम का जाप अवश्य कर लेना चाहिए। ऐसा करने से शीघ्र ही उत्तम एवं शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

भगवान श्रीराम का मंत्र- ॐ राम ॐ राम ॐ राम।

मान्यता है कि राम का नाम किसी भी संकट में लेने पर राम भक्त हनुमान संकटमोचक बनकर उसे सुख-सौभाग्य प्रदान करते हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार या शनिवार के दिन हर स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। जीवन में समस्यों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के समक्ष मिट्टी के पात्र में तेल का दीया जलाएं।

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