दोस्तों, हिंदू धर्मशास्त्रों में गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने की महत्ता का विस्तार से वर्णन किया गया है। कथानुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने सभी लोगों को देवराज इंद्र के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था। इसलिए आज भी गोवर्धन पर्वत चमत्कारी है। बता दें कि गोवर्धन पर्वत पर आने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती है। प्रचलित मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने वाले जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

गोवर्धन पर्वत से जुड़ी एक कथा यह भी आती है कि श्रीकृष्ण का अवतार लेने से पहले भगवान विष्णु रूपी श्रीकृष्ण ने राधा जी से पृथ्वी पर चलने का निवेदन किया। तब उन्होंने कहा था कि पृथ्वी पर उनका मन वृंदावन, यमुना और गोवर्धन पर्वत के बिना नहीं लगेगा।

ऐसे में भगवान विष्णु ने अपने तेज से रत्नमय, झरनों, कदम्ब आदि वृक्षों से भरे गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर दिया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधाजी ने पृथ्वी पर अवतार धारण किया।

गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा से जुड़ा रहस्य
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का एक कारण यह भी है कि इसी पवित्र पर्वत पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अनेक लीलाएं की हैं। ​इस प्रकार गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करके हम सभी श्रीठाकुरजी के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रदर्शन करते हैं, जिससे सभी को पुण्य की प्राप्ति होती है।

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