हमारे देश के हर कोने में गोस्वामी तुलसीदास कृत ग्रंथ श्रीरामचरितमानस लोकप्रिय है। विशेषकर उत्तर भारत में तो यह ग्रंथ पूजनीय है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें लिखी हैं, जिनका अनुसरण करने से मात्र से इंसान का जीवन सफल हो सकता है। इसी क्रम में श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने अपने एक दोहे में यह स्पष्ट कर दिया है कि मुश्किल समय में किस प्रकार समस्याओं का सामना करना चाहिए।
श्रीरामचरितमानस का दोहा—
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या, विनय, विवेक।
साहस सुकृति सुसत्याव्रत राम भरोसे एक।।

इस दोहे का अर्थ है- गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि विपत्ति के समय ये सभी गुण मनुष्य का साथ देते हैं। जैसे ज्ञान, विनम्रता पूर्वक व्यवहार, विवेक, साहस, अच्छे कर्म, सच और भगवान में आस्था।
ज्ञान
मुसीबत आने पर आप अपने ज्ञान से उस समस्या का समाधान जरूर निकाल लेंगे। अब आप समझ गए होंगे कि पढ़ाई, शिक्षा और जीवन के अनुभव का कितना महत्व है।
विनय
विनय का अर्थ होता है विनम्रता। अगर आप विनम्र हैं तथा सबसे प्रेम और अपनत्व से बातचीत करते हैं तो यह गुण आपको किसी भी मुसीबत से बचा सकता है।

विवेक
विवेक इंसान को सही—गलत का निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। इस गुण से आप संभावित मुश्किलों को पहले ही भांप सकते हैं और उसका निराकरण कर सकते हैं।
साहस
साहस के बल पर आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों का आसानी से सामना कर सकते हैं। साहस किसी भी इंसान को मुश्किलों से लड़ने में मदद करता है।
अच्छे काम
अगर आप भले इंसान हैं और कभी किसी का बुरा नहीं किया है और अच्छे काम करते हैं तो आप परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं।

सच बोलो
सच बोलने की आदत से आप हमेशा सजह रहेंगे। ऐसे में अनचाही परिस्थितियों से भी बचे रहेंगे। यह गुण आपको परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है।
भगवान में आस्था
अगर आप विपत्ति में फंस जाएं तब भगवान के प्रति पूरी आस्था रखें, भगवान के प्रति सच्ची आस्था ही आपको संकटों से मुक्ति दिला सकती है।

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