बेशकीमती चीज़ों में सबसे ज्‍यादा महत्‍व सोना रखता है। सोने के जेवर, बर्तन और ना जाने क्‍या–क्‍या बनाए जा सकते हैं। महिलाएं तो सोने के आभूषणों की बहुत दीवानी होती हैं। उन्‍हें तो बस सोने के जेवर दिलवा दो वो भी अलग-अलग डिजाइन के। कुछ साल पहले भारत में नोटबंदी हुई थी और इस दौरान लोग अपने पास पुराने नोट नहीं रख सकते थे। ऐसे में लोगों ने अपने काले धन को छिपाने के लिए सोना खरीदा था वो भी काफी मात्रा में।

सोने से इंसानों का प्‍यार बहुत पुराना और गहरा है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि धरती पर सोना आया कैसे? आज इस पोस्‍ट के ज़रिए हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि धरती पर सोने का उत्‍पादन कैसे शुरु हुआ। तो चलिए जानते हैं सोने की कहानी ।

झूठ है सोने की कहानी

अब तक हम सोचते आए हैं कि जीवाश्‍म के कारण ही सोना धरती पर तैयार हुआ था लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि अरबों सालों पहले धरती पर अगर धूमकेतुओं की वर्षा नहीं हुई होती तो इंसान को कभी सोने की चमक से रूबरू होने का मौका ही नहीं मिल पाता।

तकरीबन 20 करोड़ साल पहले जब पृथ्‍वी का निर्माण हो रहा था। इन असाधारण टकरावों के साथ ही अरबों टन पिघला हुआ सोना और प्‍लैटिनम पृथ्‍वी के केंद्र में समा गए और इसकी क्रोड का हिस्‍सा बन गए। इसके बाद लंबे समय तक इस कीमती धातु का ये भंडार इंसान की पहुंच से दूर पृथ्‍वी के गर्भ में पड़ा रहा।

इंसानों की दौड़

अब मनुष्‍य जाति इतनी चालाक हो चुकी है कि वह हर चीज़ की खोज कर उसे पाने की जद्द में लगा हुआ है। विल्‍बोल्‍ड ने अपने बयान में कहा था कि ‘ हमारी खोज दिखाती है कि ज्‍यादातर कीमती धातुएं जिन पर हमारी औद्योगिक प्रक्रिया निर्भर है वी उस सौभाग्‍यशाली संयोग का नतीजा है जो अरबों टन भारी आकाशीय तत्‍वों की बमबारी के कारण पृथ्‍वी में शामिल हो गया।

तो कुछ इस तरह धरती पर सोना आया है और आज इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। सोना बहुत ठोस होता है और इसके असल रूप से आभूषण बनाना बहुत मुश्किल होता है। आमतौर पर सोना या तो अकेले या फिर पारे या सिल्‍वर के साथ मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है। कैलेवराइट, सिल्‍वेनाइट, पेटजाइट और क्रेनराइट अयस्‍कों के रूप में भी यह पाया जाता है। खदान से अयस्‍क के रूप में सोना निकाला जाता है।

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