पीपल के पेड़ की गिनती पर्यावरण को साफ रखने वाले पेड़ों में होती है। आयुर्वेद में भी पिपल के कई फायदों का जिक्र है। आयुर्वेद की सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में पिपल के औषधीय गुणों का उल्लेख है। पीपल के विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है।

बैरल हमें रात में भी ऑक्सीजन देते हैं। नीम के बाद पूरे कसावा के पेड़ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। अगर आप दाद, खुजली, खुजली की समस्या से पीड़ित हैं तो पान के पत्तों का रस आपको इन समस्याओं से राहत दिला सकता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए पीपल के पत्ते वरदान साबित हो सकते हैं,

आपको बस इतना करना है कि पीपल के पत्तों को सुखाकर पीस लें, चीनी के साथ मिलाकर दिन में 3-4 बार पिएं। ऐसा करने से पीलिया से राहत मिलेगी। सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों को पीपल के पत्तों का सेवन दूध के साथ करना चाहिए। ऐसा करने से सर्दी-खांसी दूर हो जाएगी और आपको मौसमी बीमारियों से तुरंत राहत मिलेगी।

किसी भी घाव पर पान के पत्ते का प्लास्टर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। तनाव में रोजाना पीपल के पत्ते चबाने से इस तरह का दिमागी रोग ठीक हो जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पान का पत्ता कमजोर याददाश्त को बढ़ाने का काम करता है। इसके पत्तों को पीसकर इसका रस पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। पीपल के पत्तों का उपयोग कब्ज या गैस की समस्या के लिए एक उपाय के रूप में किया जाता है। इसे पित्त नाशक भी कहा जाता है।

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