आधार-पैन कार्ड को जोड़ने से लेकर रसोई गैस की कीमतों में संभावित वृद्धि तक, आज (यानी 1 सितंबर, बुधवार) से कई बदलाव होने की उम्मीद है जिनका असर आम जनता पर पड़ेगा। यहां उन महत्वपूर्ण परिवर्तनों की सूची दी गई है जो आज से लागू होंगे।

अनिवार्य पैन-आधार लिंकिंग

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पहले निर्देश दिया था कि पैन कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य है और इसे 30 सितंबर के भीतर किया जाना है। बैंक अधिकारियों के अनुसार, ऐसा ना करने पर उन्हें लें-देन से संबंधित मुद्दे हो सकते हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, खाते में 50,000 रुपये से अधिक जमा करने के मामले में बैंक खाते को पैन से जोड़ना पड़ता था।

चेक क्लीयरेंस रूल

चेक के जरिए बड़े अमाउंट में पेमेंट करने के नियमों में भी 1 सितंबर से बदलाव आ रहे हैं। RBI ने जनवरी 2021 से पॉजिटिव पे चेक सिस्टम लागू किया है, जिसके अंतर्गत 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य वाले चेक के लिए बैंक को पहले से सूचना देना होता है। बैंक कई चरणों में इस नियम को अपने यहां लागू कर रहे हैं। 1 सितंबर, 2021 से Axis Bank ने अपने ग्राहकों के लिए Positive Pay सिस्टम को अनिवार्य करने का फैसला किया है।


आधार-पीएफ लिंकिंग

1 सितंबर से, नियोक्ता भविष्य निधि (पीएफ) में पैसा तभी जमा होगा जब कर्मचारी का आधार नंबर उनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जुड़ा हो। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की धारा 142 में संशोधन किया, जिसने विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने, भुगतान प्राप्त करने और लाभ प्राप्त करने के लिए आधार-पीएफ लिंकिंग को अनिवार्य बना दिया है।


एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी

सितंबर की शुरुआत में रसोई गैस की कीमतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में लगातार दो महीने बढ़ोतरी की; इसलिए कीमतों में इस महीने एक बार फिर से बढ़ोतरी होने की संभावना है। 18 अगस्त को रसोई गैस की कीमत 25 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई थी। इससे पहले जुलाई में रसोई गैस की कीमत में 25.50 रुपये की वृद्धि की गई थी।

GSTR-1 फाइलिंग दिशानिर्देश

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क के लिए भी इसी महीने से नए नियम जारी किए जा रहे हैं। गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा है कि अब से जीएसटीआर-1 को नियमों के मुताबिक दाखिल करने के लिए केंद्रीय जीएसटी के नियम-59(6) के तहत सब कुछ जमा करना होगा। इन नए प्रोटोकॉल के अनुसार कोई भी व्यक्ति GSTR-1 तब तक दाखिल नहीं कर सकता जब तक वह GSTR-3B फॉर्म नहीं भरता।

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