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हिंदू परंपरा में शुक्रवार का दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए समर्पित है। यह संतोषी मां, जो खुशी लाती है, देवी लक्ष्मी, जो धन प्रदान करती है, और देवी दुर्गा या काली, जो बाधाओं को नष्ट करती है, की पूजा के लिए एक शुभ दिन माना जाता है।

शुक्रवार व्रत और पूजा का महत्व

शुक्रवार का व्रत और पूजा विभिन्न कारणों से की जाती है। यहां बताया गया है कि कैसे शुक्रवार को इन तीन देवियों की पूजा करने से आपके घर में समृद्धि, धन और खुशहाली आ सकती है:

1. माता लक्ष्मी की पूजा

देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी व्रत करने की सलाह दी जाती है। यह व्रत घर में धन-संपदा की उपस्थिति सुनिश्चित करने में मदद करता है। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं, जिसमें दिन में केवल एक बार भोजन करना शामिल है।

पूजा के दौरान लक्ष्मी जी को सफेद चंदन, सफेद फूल और खीर का भोग लगाएं। इस दिन लक्ष्मी श्री यंत्र की स्थापना और नियमित पूजा करने से धन में वृद्धि और व्यापार में वृद्धि हो सकती है। वैभव लक्ष्मी व्रत को शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के दौरान शुक्रवार से शुरू करके लगातार 11 या 21 शुक्रवार तक मनाया जाना चाहिए।

उपाय: देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें और सफेद वस्तुओं का दान करें।

2. देवी संतोषी की पूजा

मां संतोषी अपने भक्तों के दुखों और चिंताओं को दूर करने और खुशियां लाने के लिए जानी जाती हैं। उनका आशीर्वाद पाने के लिए लगातार 16 शुक्रवार व्रत रखने की प्रथा है। पूजा के दौरान गुड़ और चने का भोग लगाएं और खट्टी चीजों का सेवन करने से बचें। इस व्रत को भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन आरंभ करना चाहिए।

उपाय: "श्री संतोषी देव्ये नमः" का 108 बार जाप करें।

3. देवी काली की पूजा
शत्रु, भय, रोग, अभिशाप और काले जादू को खत्म करने के लिए शुक्रवार को विनाश की देवी देवी काली की पूजा की जाती है। पूजा के लिए लाल वस्त्र पहनें, देवी के सामने गुग्गल का दीपक और धूप जलाएं और पेड़ा और लौंग चढ़ाएं। "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का 13 बार जाप करें।

उपाय: आटे का दोमुखी दीपक जलाएं और काली चालीसा का पाठ करें।

इन प्रथाओं और उपायों का पालन करके, आप अपने जीवन में समृद्धि, खुशी और सुरक्षा लाने के लिए इन शक्तिशाली देवी-देवताओं का आशीर्वाद ले सकते हैं।

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