इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सर्जरी केस रिपोर्ट में प्रकाशित अध्ययन में इस रिपोर्ट को लिखने वाले डॉ शाकिर सलीम जबाली के मुताबिक, हमारी जानकारी के अनुसार तीन पेनिस वाला अथवा ट्रिपहेलिया का पहला दर्ज केस है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बच्चे के परिवारिक में ऐसा कोई आनुवांशिक पतन का इतिहास नहीं रहा है।

न्यूयॉर्क पोस्ट की खबर के मुताबिक, जब बच्चा तीन महीने का था, जब अंडकोश में सूजन की शिकायत को लेकर इस बच्चे के मां-बाप डॉक्टर के पास पहुंचे थे। बच्चे को देखने के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उसके एक नहीं बल्कि तीन-तीन पेनिस (लिंग) हैं। मेन पेनिस के जड़ से जुड़ा एक पेनिस था, जिसकी लंबाई 2 सेंटीमीटर थी, वहीं दूसरे की लंबाई एक सेंटीमीटर थी, जो मेन लिंग की निचले हिस्से से जुड़ा था।

यहां हैरानी की बात यह थी कि तीन लिंगों में से केवल एक ही सही से काम कर रहा था। यानी दो अन्य लिंग में मूत्रमार्ग अथवा यूरिन ट्यूब नहीं थे। इस तरह से इनसे होकर यूरिन नहीं निकल सकता था। इस जांच के बाद डॉक्टरों ने उन दो अतिरिक्त लिंगों को सर्जरीर के जरिए हटाने का फैसला किया।

इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया और इसके बाद दोनों लिंगों को हटा दिया गया। हालांकि, एक साल तक फॉलो अप लेने के बाद इसे समस्या मुक्त माना गया। बता दें कि ठीक इसी तरह का मामला भारत में भी 2015 में देखा गया था, जब एक बच्चे के दो लिंग थे। मगर इसका डॉक्यूमेंटेशन नहीं हुआ था या किसी जर्नल में इसकी रिपोर्ट पब्लिश नहीं हुई थी, इस वजह से अभी के मामले को पहला मामला माना जा रहा है।

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