First Cough Syrup: कब बनाया गया था दुनिया का पहला कफ सीरप, जानिए इसके बारे में सबकुछ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी चार कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह कफ सिरप मानकों पर खरी नहीं उतरती है। चार कंपनियों को अलर्ट पर रखा गया है और जांच तेज कर दी गई है। खांसी की दवाई का विवाद अकेला नहीं है जो सामने आया है। दुनिया के पहले कफ सिरप को लेकर भी लंबा विवाद हुआ था।
दुनिया का पहला कफ सिरप लगभग 127 साल पहले जर्मन कंपनी बायर ने बनाया था, जिसे हेरोइन कहा जाता है। इस सिरप को बनाने में एस्पिरिन दवा का इस्तेमाल किया गया था। इस दवा की खोज से पहले लोग खांसी के इलाज के लिए अफीम का इस्तेमाल करते थे लेकिन यह शरीर के लिए हानिकारक भी साबित हुई। लोगों को इसकी लत लग जाती थी और कई बार यह जानलेवा भी साबित होती थी।
प्राचीन मिस्र में अफीम का उपयोग खांसी सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता था। यहीं पर बेयर कंपनी को चाशनी बनाने का विचार आया। कंपनी ने शोध किया और पाया कि जब मॉर्फिन को गर्म किया जाता है, तो डायसेटाइलमॉर्फिन बनता है, जो लोगों को खांसी से राहत देता है और बेहतर नींद भी आती है और सिरप पीने के बाद शांत महसूस होता है। इस तरह कंपनी ने दुनिया का पहला सिरप बाजार में उतारा।
हैरानी की बात यह है कि यह सिरप न केवल लोगों की खांसी को ठीक करने के लिए काफी अच्छा था बल्कि तपेदिक या ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को भी राहत प्रदान करता था। डॉक्टरों ने भी मरीजों को अफीम की आदत छुड़ाने के लिए यह सिरप देना शुरू कर दिया। वर्ष 1899 में इसे लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया। लोगों ने कहा कि उन्हें हेरोइन की लत है। विरोध इतना बढ़ गया कि अंततः 1913 में बायर को इस कफ सिरप का उत्पादन बंद करना पड़ा।