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दोस्तों, आपको बता दें कि आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या को सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का समापन होता है। इस वर्ष 9 अक्टूबर 2018 को यह अमावस्या पड़ेगी।

अगर कोई जातक अपने पितरों का श्राद्ध तिथि विशेष को नहीं कर पाया हो अथवा उसे श्राद्ध तिथि ज्ञात नहीं हो, ऐसी स्थिति में वह सर्वपितृ अमावस्या को श्राद्ध कर सकता है। पितृ पक्ष के आखिरी दिन का बहुत ज्यादा महत्व होता है।

दोस्तों, आपको बता दें कि इस दिन श्राद्ध कर्म करने को वाले जातक को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होता है, वरना श्राद्ध करने का पुण्य नहीं मिल पाता है।

इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्वपितृ अमावस्या को कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए।

1- इस साल 9 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है, इसलिए इस दिन श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को गुस्सा नहीं करना चाहिए।

2- पितृ पक्ष में समापन ​तिथि को श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को पान नहीं खाना चाहिए और ना ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए।

3- अंतिम दिन हाथ में अक्षत, चंदन, फूल और तिल लेकर पितरों का तर्पण करें। बिना संकल्प लिए श्राद्ध पूरा नहीं माना जाता है।

4- खीरा, मसूर, मूली, काला जीरा, सत्तू, उड़द, चना, बासी या अपवित्र फल या अन्न का उपयोग नहीं करना चाहिए।

5- पितृ पक्ष की समापन तिथि को ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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