Explained: अब आ रहा Yaas तूफान का खतरा! जानें क्यों आते है तूफ़ान और कैसे रखे जाते हैं इनके नाम
ताउते साइक्लोन के बाद अब देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान यास अपनी दस्तक दे सकता है। इससे निपटने के लिए NDRF ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दल तैनात कर दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो 22 मई से हरकत में आएगा और इसके बाद 72 घंटों में इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है।
चक्रवाती तूफान की शक्ल में ‘यास’ 26 मई की शाम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचा सकता है। तेज हवाओं के साथ असम, मेघालय, बिहार आदि राज्यों में भी इसका असर हो सकता है। ताउते तूफ़ान की तबाही को देखने के बाद राज्यों ने इसके लिए तैयारियां करना शुरू कर दिया है।
क्यों आते हैं साइक्लोन?
ये साइक्लोन क्यों आते हैं, इस बारे में मौसम विज्ञानी बताते हैं कि जब गर्म क्षेत्रों के समुद्र में हवा गर्म होकर कम वायुदाब का क्षेत्र बना देती है, तो संघनन से बादलों का निर्माण करती हैं और फिर रिक्त स्थान को भरने के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती हैं। इस से काफी मुलसधार बारिश होती है।
साइक्लोन से काफी तबाही होती है। पहले अम्फान, फानी जैसे चक्रवातों ने नुकसान किया फिर कटरीना, निवार, निसर्ग और अब यास साइक्लोन, लेकिन क्या आपने सोचा कि इन चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?
कब हुई चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत?
चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में हुई एक संधि से हुई। भारत की पहल पर इस क्षेत्र के 8 देशों ने तूफानों का नामकरण शुरू किया। इनमे भारत के साथ साथ दूसरे देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड शामिल थे। इसके बाद साल 2018 में इसमें ईरान, यूएई, कतर ओर यमन आदि देश भी जुड़े।
13 सदस्य देश तय करते हैं तूफानों के नाम
हिंद महासागर क्षेत्र में यदि तूफान आने वाला होता है तो भारत समेत 13 सदस्य देशों क्रमानुसार अपनी तरफ से 13 नाम देते हैं। ये नाम इसलिए दिए जाते हैं, ताकि पहले से ही वैज्ञानिक और आम लोग इन तूफानों के बारे में स्पष्ट रह सकें।
क्रम के अनुसार नाम तय करते हैं सदस्य देश
सदस्य देश अपनी ओर से नामों की जो सूची देते हैं, उनकी अल्फाबेटिकल लिस्टिंग की जाती है। जैसे सबसे पहले बांग्लादेश फिर भारत और फिर ईरान का नाम आता है। इसी क्रम में सुझाए गए नाम पर तूफानी चक्रवातों का नामकरण किया जाता है। हर बार अलग-अलग देशों का क्रम से नंबर आता रहता है और इसी क्रम में चक्रवातों का नामकरण हुआ करता है.
आने वाले तूफानों के नाम भी पहले से ही तय
नामकरण की इस व्यवस्था में भविष्य में आनेवाले तूफानों के नाम भी तय कर लिए गए हैं। म्यांमार ने ही ताउते तूफान को नाम दिया था और इसी देश ने ताउते के बाद आनेवाले तूफान को यास नाम दिया है। यास नाम पाकिस्तान की तरफ से है। इसके बाद पाकिस्तान ने गुलाब नाम तय किया है। पिछले साल अप्रैल में ये लिस्ट खत्म हो गई थी इसके बाद दोबारा लिस्ट दी गई। अब आने वाले 25 सालों में तूफानों के नाम निर्धारित हो गए हैं।
नई सूची में भारत की ओर से दिए नामों में तेज, मुरासु (तमिल वाद्य यंत्र), गति, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलाधि, वेग नाम शामिल है।