दशहरा या विजयदशमी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाई जाती है। इस साल दशहरा 5 अक्टूबर बुधवार को है। इस साल दशहरे पर 6 शुभ योग बन रहे हैं और इसलिए यह दिन बहुत ही शुभ है। इस बार दशहरा के दिन छत्र योग बनाया जा रहा है. दशहरा के दिन श्रवण नक्षत्र की युति से छत्र योग बनता है, साथ ही सुकर्मा योग, धृति योग, रवि योग, हंस योग, शश योग जैसे अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं.

शुभ दशहरा 2022 योग -

रवि योग : सुबह 06.30 बजे से 09.15 बजे तक

सुकर्म योग: 04 अक्टूबर 11:23 पूर्वाह्न से 05 अक्टूबर 08:21 पूर्वाह्न।

धृति योग: दशहरे पर सुबह 08.21 बजे से अगले दिन सुबह 05.18 बजे तक।

दशहरा 2022

दशहरा के दिन राहु काल दोपहर 12.00 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक है। इस दौरान दशहरा पूजा वर्जित है।

दशहरे का पूरा दिन होता है शुभ-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरा का दिन साढ़े तीन मुहूर्तों में से एक माना जाता है, इसलिए पूरा दिन शुभ होता है। इस दिन आप शुभ कार्य कर सकते हैं।

दशहरा 2022 ग्रह गोचर -

सूर्य, बुध और शुक्र 05 अक्टूबर को कन्या राशि में युति कर रहे हैं। मीन राशि में गुरु अपनी राशि में होगा, जबकि मकर राशि में शनि अपनी राशि में रहेगा। राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में गोचर कर रहा है। मंगल वृष राशि में और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान होगा। दशहरे पर इन ग्रहों के गोचर का प्रभाव मछली क्षेत्र सहित देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में देखने को मिलेगा, जिसे लाभकारी नहीं माना जा सकता।

ज्योतिष के अनुसार कब मनाया जाता है दशहरा -

दशहरा (रवांड) बुधवार, 05 अक्टूबर को मान्य है। हालांकि दशमी सकलपादिता तिथि दोपहर तक रहेगी। इस पर्व में श्रवण नक्षत्र की शक्ति है। अपर्णाकाल व्यापिनी दशमी तिथि दशहरे के लिए ली जाती है।

दशहरे पर करें ये शुभ कार्य -

1. दशहरे के दिन शाम को प्रदोष काल में रावण का पुतला दहन करें। बुराई का नाश करती है, असत्य पर सत्य की जीत होती है। इस दिन सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

2. दशहरे के दिन सुबह शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। इससे दुख, रोग आदि दूर होते हैं। घर में सुख-समृद्धि आती है।

3. विजयादशमी के दिन सुबह स्नान कर शस्त्र पूजन करने की परंपरा है। इस दिन शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए।

4. दशहरा के दिन दिवाली से जुड़ी खरीदारी की भी परंपरा है। इस दिन आप दिवाली के कपड़े, पूजा सामग्री आदि खरीद सकते हैं।

5. यदि आपने अपने घर में देवी दुर्गा की मूर्ति या कलश स्थापित किया है तो विजयादशी के शुभ मुहूर्त में उसे विसर्जित करें।

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