कोविड-19 से बचाव के लिए फेस मास्क बेहद आवश्यक है लेकिन अब इसे लेकर एक विचित्र प्रकार की समस्या कई बच्चों के सामने खड़ी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि फीस माफ कर के चलते बच्चे अब बड़ों की बात को नहीं समझ पा रहे हैं क्योंकि बातचीत करने में कठिनाई हो रही है और इसके चलते कई लोगों को खासकर बच्चों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मास्को की आलोचना करते हुए यूके के शिक्षा विभाग द्वारा एक हाल ही रिपोर्ट में यह बताया गया कि महामारी के दौरान मास्क पहनने से कक्षाओं में बातचीत एवं संचार में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना लोगों को करना पड़ा है। और इसका सीधा सीधा असर स्कूली छात्रों पर पड़ रहा है।

यूके के शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि जिन बच्चों को सुनने में और देखने में और जिन की भाषा अच्छी है उसमें कोई समस्या नहीं है, उन लोगों के लिए यह समस्या उतनी बड़ी नहीं है। लेकिन जिन बच्चों को सुनने में समस्या है एवं जिन बच्चों की भाषा समृद्ध नहीं है उन लोगों के लिए यह एक बहुत बड़ी समस्या बन रही है। पर अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि इसके चलते कई लोगों में संचार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


चौंकाने वाली रिपोर्ट के लिए करीब अध्ययन में 26 बच्चों को लिया गया था जिसमें से 8 से 12 वर्ष के बच्चों को इसमें शामिल किया गया था और बिना सुनने या भाषा की कठिनाइयों के 26 वयस्कों को भी शामिल किया गया था। जिसके बाद इस रिपोर्ट के सारांश को निकाला गया है।

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