द्रौपदी के पांच पति थे। दरअसल द्रौपदी का विवाह अर्जुन के साथ हुआ था लेकिन उसे कुंती के वचन के कारण पाँचों पांडवों की पत्नी बन कर रहना पड़ा था। लेकिन आपको शायद इस बारे में जानकारी ना हो कि द्रौपदी के पाँचों पांडवों के साथ कैसे संबंध थे?

हथेली पर बनी ये रेखा बताएँगे कितने बच्‍चों होंगे आपके भविष्‍य में

पांडवों को इस बारे में समझ नहीं आ रहा था कि द्रौपदी के साथ कैसे समय बिताया जाए। इसके लिए श्रीकृष्ण ने उसे ये सुझाव दिया कि हर साल वह पांडवों में से किसी एक के साथ ही समय व्यतीत करे। जब द्रौपदी के किसी एक के साथ हो तो उनके कक्ष में कोई और पांडव प्रवेश न करें। यदि कोई पांडव ऐसा गलती से भी कर लेता है तो उसे एक वर्ष का देश निकाला भुगतना होगा।

एक्सपर्ट का दावा, कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को ताउम्र करना पड़ सकता है दिक्कतों का सामना

ये कहा जाता है कि 1-1 साल के समय-अंतराल के लिए हर पांडव के साथ रहती थी।एक बार अर्जुन द्रौपदी के कमरे में प्रवेश कर गया तो उसे ये दंड भगुतना पड़ा था और 1 साल के लिए वनवास जाना पडा था।

द्रौपदी की 1 साल की समयावधि अर्जुन के साथ समाप्त हुई थी तब इसने युधिष्ठिर के साथ समय बिताना शुरू किया। अर्जुन भूलवश द्रौपदी के आवास पर ही अपना तीर-धनुष भूल गए। तब एक ब्राह्मण मदद के लिए उनके पास आया और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तीर-धनुष लेने के लिए द्रौपदी के निवास में घुस गए। उस दौरान द्रौपदी-युधिष्ठिर साथ में थे। इसलिए अर्जुन को 1 साल के लिए राज्य निकाला दिया गया।

Related News