हम लोग अपने घर पर कई दवाइयां रखते हैं। कई बार जब हम इनका इस्तेमाल करने के लिए इन्हे देखते हैं तो पाते हैं कि ये एक्सपायर हो गई है। हालाकिं हम मेडिकल स्टोर पर भी दवाई खरीदते समय इसकी एक्सपायरी डेट चेक करते हैं। ऐसे में हमें लगता है कि दवाइयां एक्सपायर होने के बाद जहर बन जाती है या इनका असर खत्म हो जाता है। जबकि ऐसा नहीं है ये दवाइयां एक्सपायर होने के बाद जहर नहीं बनती और ना ही इनका असर खत्म होता है। तब आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि आखिर फिर इन पर एक्सपायरी डेट लिखने का क्या मतलब है। इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

एक्सपायरी डेट का सही मतलब क्या है
दवाई पर दो डेट होती है। पहली मैन्युफेक्चरिंग डेट होती है और दूसरी एक्सपायरी डेट होती है। एक्सपायरी डेट का ये मतलब बिल्कुल भी नहीं होता कि उस तारीख के बाद वह दवाई जहर बन जाएगी। इसका अर्थ होता है कि उस दिन के बाद दवा बनाने वाली कंपनी उस दवाई के सुरक्षा और प्रभाव की गारंटी नहीं लेगी। बोतल खुलने के बाद भी किसी दवा के प्रभाव की गारंटी नहीं होती है। दरअसल, गर्मी, सूर्य की रोशनी, आर्द्रता और अन्य कई वजहों से भी दवाओं की शक्ति पर असर पड़ता है। इसलिए एक्सपायरी डेट उनके प्रभाव को कम कर देती है।

एक्सपायर हो चुकी दवाओं को खाने की सलाह नहीं देते डॉक्टर
ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि क्या हम एक्सपायरी दवा को खा सकते हैं? इस सवाल पर U.S. Food and Drug Administration का कहना है कि एक्सपायरी दवाओं का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। ये कई अज्ञात बदलावों की वजह से बहुत जोखिम भरा हो सकता है। दरअसल आपने किस तरह के वातावरण में इसे स्टोर कर के रखा है और इसमें किस तरह के केमिकल चेंज हुए हैं, इस आधार पर इनका सेवन नहीं करना चाहिए। एक्सपायर दवाओं के सेवन को लेकर बहुत ज्यादा रिसर्च या टेस्टिंग नहीं हुई है।

गलती से एक्सपायर दवा खाने पर क्या करना चाहिए
thehealthsite.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक निर्माता अपनी दवाओं की एक्सपायरी में एक मार्जिन पीरियड भी रखते हैं। जैसे कोई दवाई जनवरी 2020 में बनी है और इसकी एक्सपायरी डेट 2 साल है तो वो दवाई की एक्सपायरी डेट को जनवरी 2022 के बजाय जून 2021 तक ही रखेंगे जिस से अगर कोई दवाई गलती से खा भी ले तो उन्हें कोई नुकसान ना हो।

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