नये साल का इंतजार सबको रहता है चारों तरफ जश्न और उत्सव का माहौल बना रहता है। पुरे विश्व में लोग अपने - अपने अंदाज में नये साल का स्वागत करते नज़र आते है। लेकिन कभी आपके मन में ये सवाल आया है कि नया साल कहा से आया इसे सबसे पहले किसने मनाया मनाया होगा , हमारे मन में अगर कभी ये सवाल आते भी है तो हमें कभी इन सवालों के जवाब नहीं मिल पाते है। वैसे तो हर धर्म में नये साल को अलग - अलग समय पर मनाते है लेकिन सबसे ज़्यादा हम 1 जनवरी अहम मानते है क्योंकि ये हमारे राष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार है। आपको बता दे कि 1 जनवरी मनाने की परंपरा की शुरुआत सबसे पहले रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने 4000 साल की थी।


कहा जाता है कि साल का सबसे पहले दिन मनाने की परंपरा की शुरुआत रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में पूरी दुनिया के लिए एक नया कैलेंडर बनाया था। जिसका नाम लियस सीजर ने जूलियन कैलेंडर रखा। उस समय दुनिया में पहली बार नया साल 1 जनवरी को मनाया गया था और तभी से लेकर आज तक 1 जनवरी को नया साल मनाते आ रहे है। वास्तविक रूप से ये नया साल ईसाई धर्म के लोगों का है और तब से वे इस दिन को न्यू ईयर की रूप में मनाते है। जिसके बाद आज हम भी 1 जनवरी को नया साल मनाते आ रहे है।


बता दें कि जूलियस सीजर ने दुनिया में सबसे पहले अखबार की शुरुआत भी की है उन्होंने ईसा पूर्व 753 ईस्वी में एक्टा ड्यूरना अखबार भी चलाया था जो की हस्त लिखित था

इसके साथ जूलियस सीजर के द्वारा 12 महीने और 365 दिन का सूत्र भी दिया है। जूलियन कैलेंडर को करीब 1600 साल तक इस्तेमाल
करने के बाद ग्रेगोरियन कैलेंडर को मान्यता दी गयी थी। जिसे पोप ग्रेगारी ने लागू किया लेकिन जूलियन कैलेंडर में ज्यादा बदलाव किये गए थे।

हिंदू नववर्ष की शुरुआत -
हिंदू नववर्ष में नया साल मनाने की परंपरा भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृस्टि की रचना करना प्रारंभ किया था। ये चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नया साल मनाया जाता है। इसे नव संवत कहते है। अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार ये तिथि अप्रैल में आती है।

जैन धर्म में नववर्ष की शुरुआत -
जैन धर्म में नया साल दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण ये है कि भगवान महावीर को दीपावली के दिन ही मोक्ष की प्राप्ति मिली थी। इसलिए जैन धर्म के अनुयायी दीपावली के अगले दिन अपना नया साल मनाते है।

मुस्लिम धर्म में नववर्ष की शुरुआत -
मुस्लिम धर्म में नया साल मोहर्रम की पहली तारीख से शुरू होता है इसे हिजरी भी कहा जाता है। मुस्लिम धर्म का ये हिजरी कैलेंडर सभी मुस्लिम देशों में माना जाता है।

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