कहा जाता है कि सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घर में कोई बड़ा त्योहार हो या कुछ खास, सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। हर साल आने वाला श्री गणेश उत्सव 22 अगस्त 2020 से शुरू हो रहा है। अब आज हम सभी पूजा पद्धति के साथ एक पौराणिक प्रयोग लेकर आए हैं। ऐसा करने से आपके सभी कार्य सफल हो सकते हैं। खैर इसके लिए आपको एक धागा, डोरी, राखी या मौली लेनी है। इसके बाद आपको इसमें 7 गांठें डालकर श्री गणेश के चरणों में रख देना है।

सबसे पहले आपको गणेश चतुर्थी के दिन उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना है। इसके बाद शुद्धिकरण कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। ध्यान रहे कि लाल रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है। अब आपको गणपति की पूजा करने के लिए बैठना चाहिए। ध्यान रहे कि आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो। इसके बाद श्री गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं। अब इसके बाद केसर चंदन, अक्षत, दूर्वा चढ़ाएं और कपूर को जलाकर पूजा करें और उन्हें प्रसन्न करें। ध्यान रहे कि उन्हें मोदक के लड्डू चढ़ाएं और आप फूल चढ़ाएं जो गणपति को बहुत पसंद हैं.


अब आप श्री गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और ध्यान रखें कि उनका मुख पश्चिम की ओर हो। अब सूत का एक कच्चा धागा लें। धागे से सात गांठ बांधकर बप्पा के चरणों में रख दें। इसके बाद इस बात का ध्यान रखें कि विसर्जन से पहले उस धागे को अपने पर्स में रख लें। ऐसा उपाय करने से धन, सुख, समृद्धि, सफलता, सौभाग्य, ऐश्वर्य और कीर्ति सदैव आपके साथ रहेगी।

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