हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है,होलिका दहन के अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है जिसका रौनक मुख्य रूप से उत्तर भारत में देखी जाती है, लेकिन इससे ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक प्रारंभ हो जाते हैं, जिन्हें शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त समय नहीं माना जाता।


लेकिन आपको बता दे जीवन में आ रही बाधाएं और आर्थिक परेशानियां या घर में चल रहे कलह-क्लेश से भी मुक्ति के लिए होलाष्टक के दिन किया गया छोटा सा उपाय आपको हर परेशानी से दूर रखेगा।

अगर आप कर्ज के बोझ तले दबे हैं और इससे बाहर निकलने का कोई भी रास्ता आपको नजर नहीं आ रहा है तो आपको होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ अवश्य घर में करवाना चाहिए। यह उपाय आपकी आर्थिक स्थिति को काफी हद तक मजबूत बना सकता है।


वे दंपत्ति जो संतान की कामना रखते हैं, जो अपने जीवन में नए मेहमान की प्रतीक्षा कर रहे हैं उन्हें होलाष्टक की अवधि में बालगोपाल की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए, उन्हें गाय के शुद्ध घी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए।


वे जातक जो किसी प्रकार के असाध्य रोग से पीड़ित हैं,उन्हें होलाष्टक की अवधि में महामृत्युंज्य का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह मंत्र विभिन्न दोषों का नाश करता है और जीवन पर आ रहे संकट को भी टाल देता है।

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