क्या पीपल के पेड़ में वाकई होता है आत्माओं का वास? आखिर क्यों होती है रात को पास जाने की मनाही
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शास्त्रों में पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। इसलिए पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। अनुष्ठान और समारोह अक्सर पीपल के पेड़ की छाया में किए जाते हैं । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से जीवन में सुख और शांति आती है।
हालाँकि, कुछ बुजुर्ग रात में पीपल के पेड़ को छूने या उसके नीचे सोने से सावधान करते हैं, उनका दावा है कि इसमें बुरी आत्माओं का वास होता है। लेकिन आखिर इन चीजों में कितनी सच्चाई है? आइये इसके बारे में गहराई से जानें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
रात के समय पीपल के पेड़ या किसी अन्य पेड़ के नीचे सोने से मना किया जाता है क्योंकि रात के दौरान पेड़ों से कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है। कार्बन डाइऑक्साइड के अधिक सेवन से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है, जो इंसानों के लिए फायदेमंद नहीं है। इसलिए रात के समय पीपल के पेड़ के पास न जाने की सलाह दी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार:
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ के अंदर त्रिदेव - ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का वास होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि पीपल के पेड़ की जड़ों में विष्णु का निवास है, तना केशव का प्रतिनिधित्व करता है, और इसकी पत्तियों में सभी देवताओं का निवास है। इस प्रकार, रात में पीपल के पेड़ के नीचे सोना या जाना अशुभ माना जाता है क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है।
क्या पीपल के पेड़ में आत्माओं का वास है?
शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ पर आत्माओं का वास होने की मान्यता पूर्णतया पौराणिक है। शास्त्रों में पीपल के पेड़ को एक दिव्य पौधा माना गया है। इसलिए, यह धारणा कि पीपल के पेड़ पर आत्माओं का वास है, शास्त्रों द्वारा समर्थित नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रात के समय पीपल के पेड़ के पास न जाने की सलाह दी जाती है।