भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन गणेश जी का आगमन होता है और इसके दस दिन बाद अनंत चतुर्दशी को उनकी विदाई होती है। भक्तगण इस दिन अपनी मनोकामना अनुसार गणपति जी की मूर्ती की स्थापना करते हैं। इस दौरान उनकी पूजा अर्चना की जाती है। जिस घर में गणपति जी विराजते हैं वहां कुछ नियमों की पालना की जाती हैं। लेकिन आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए और इन्हे करने से आपको बचना चाहिए।


- हिंसा से दूर रहें, मन में बुरे भाव न आने दें।

- इसके अलावा संभोग न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।

- आपको क्रोध नहीं करना चाहिए और संयम से काम लेना चाहिए।

- इस दौरान झूठ नहीं बोलें।

- मांस-मदिरा का सेवन न करें।

- घर में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल न करें।

- कुछ भी खाने से पहले बप्पा को भोग लगाएं।

- परिवार का कोई न कोई सदस्य घर पर रहे, उन्हें अकेला छोड़ कर न जाएं।

- निंदा, चुगली करने से बचें।

- घर में गंदगी न करें। विशेषकर मंदिर में तो बिलकुल नहीं। बच्चों पर हाथ न उठाएं।

- स्त्री का अपमान न करें। किसी का उपहास न करें।

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