मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो भारत वर्ष में मनाया जाता है और इस दिन को सूर्य उपासना के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं और मकर राश‍ि में प्रवेश करते हैं। इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है और कई चीजों का दान भी किया जाता है। माना जाता है कि जिन चीजों का दान मकर सक्रांति पर किया जाता है उसका 100 गुना हमें वापस मिलता है।

आज हम आपको ऐसे 3 मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका जाप अगर आप सच्चे मन और श्रद्धा से करते हैं तो आपके सारे पाप धूल जाएंगे और सूर्य देव की कृपा प्राप्‍त होगी। सूर्य का प्रसन्‍न होना व्‍यक्‍त‍ि की सफलता और सम्‍मान से जोड़ा जाता है।

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मंत्र 1
मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें और इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुँह कर के आसान पर बैठे और रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें -
ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्

इस मंत्र का आपको कम से कम 5 माला जाप करना चाहिए इस से आपकी सारी समस्याएं दुर होगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।

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मंत्र 2
मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें और इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य दें। जिस तांबे के लोटे से आप सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले हैं उसमे कुमकुम और लाल रंग के फूल भी मिलाएं। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें -
ऊं घृणि सूर्याय नम:

इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

मंत्र 3


मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें और इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुँह कर के आसान पर बैठे। साफ चौकी या पटिए पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं। सूर्य देव को लाल रंग का फूल चढ़ाने से और भी अधिक लाभ मिलेगा। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें -
मंत्र- ऊं भास्कराय नम:

इस मंत्र का जाप भी कम से कम 5 माला जरूर करना चाह‍िए।

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