प्रेग्नेंसी का समय महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें सुखद अनुभव के साथ-साथ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। इस दौरान, महिलाएं कई शारीरिक बदलावों का सामना करती हैं, और खासकर ब्लड शुगर में विविधता हो सकती है, जिससे गर्भकालीन मधुमेह जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस आर्टिकल में, हमने गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. धीरज कपूर से जाना कि महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान अपने ब्लड शुगर को कैसे नियंत्रित कर सकती हैं।

एक्सपर्ट्स की सलाह
डॉ. धीरज कपूर के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है, जिससे गेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। यह एक सामान्य स्थिति नहीं है, बल्कि बच्चे का आकार बड़ा हो सकता है, और डिलीवरी के बाद टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है। डॉ. धीरज कपूर कहते हैं कि इस स्थिति का कोई स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन आदमी मोटापे, कम शारीरिक गतिविधि, पीसीओएस, और प्री-डायबिटिक होने पर अधिक ध्यान देते हैं।

प्रोटीन युक्त आहार
प्रेग्नेंसी के दौरान, प्रोटीन युक्त आहार को डाइट में शामिल करना उत्तम होता है, क्योंकि यह मां और शिशु के विकास के लिए आवश्यक है। डॉ. कपूर के अनुसार, दालें, दही, अंडे, दूध, पनीर, बादाम और पिस्ता जैसे प्रोटीन स्रोतों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।

हाई-फाइबर आहार
हाई-फाइबर आहार खाना भी प्रेग्नेंसी के दौरान फायदेमंद है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकाल सकता है। साबुत अनाज, ओट्स, छोले, राजमा, गाजर, चुकंदर, हरी मटर, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, केले, बैरीज, संतरा, नाशपाती, सेब और कीवी जैसे आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए।

मैग्नीशियम
प्रेग्नेंसी में, महिलाओं को अक्सर पैर में ऐंठन की समस्या हो सकती है, और मैग्नीशियम इसे कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए डाइट में पालक, केला, बादाम, काजू, एवाकाडो और डार्क चॉकलेट शामिल किया जा सकता है।

कार्बोहाइड्रेट्स
कार्बोहाइड्रेट्स प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए उत्कृष्ट एनर्जी स्रोत हैं और इन्हें शामिल करना महत्वपूर्ण है। गेहूं या जौ की रोटी, आलू, शकरकंद, मक्का, चावल और केले खाने से शारीरिक कमजोरी महसूस नहीं होती है और ये ब्लड शुगर को कंट्रोल में मदद कर सकते हैं।

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