By Jitendra Jangid- हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली आने वाला हैं, जिसकी तैयारियां कई महीनों से देश में शुरु हो चुकी हैं, दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं, दिवाली का त्यौहार धनतेरस से शुरु हो जाता हैं, जो एक विशेष अवसर है, जो हर साल कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

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धनतेरस भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, जो स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से कई तरह की बीमारियों से राहत मिलती है। इसके अलावा, भक्त धन के देवता भगवान कुबेर और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनसे अपने घर में समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको उन बर्तनों के बारे में बताएंगे जिनको धनतेरस को भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए, आइए जानते हैं इनके बारे में -

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शुभ खरीदारी परंपराएँ

धनतेरस खरीदारी के लिए एक शुभ दिन के रूप में जाना जाता है, खासकर नए बर्तनों के लिए, जो माना जाता है कि धन और समृद्धि को आकर्षित करते हैं। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि बिना किसी चीज के घर में नए बर्तन लाना अशुभ माना जाता है और यह गरीबी को आमंत्रित कर सकता है।

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अपने नए बर्तनों में क्या भरें

पानी या गंगाजल: बर्तनों में पानी या पवित्र गंगाजल भरना बहुत शुभ होता है।

शहद और दूध: इन्हें भी प्रचुरता और समृद्धि का आशीर्वाद माना जाता है।

अनाज: नए बर्तन खरीदने के बाद, आप उनमें चावल, धान, जौ, गेहूँ, सफ़ेद तिल, काले चने, दाल या मूंग भर सकते हैं। इस प्रथा से माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है और दरिद्रता दूर रहती है।

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