इतिहास में सजा देने के लिए काफी क्रूर तरीके आजमाए जाते थे जिनकी आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इन तरीकों से इंसान एक बारी में नहीं मर जाता था बल्कि दर्द से कराह कर काफी तड़प तड़प कर उसकी मौत होती थी।

अगर क्राइम करने वाले के पास जुर्माना भरने के लिए पैसे नहीं हैं, तो इसके बदले उनके हाथ, जीभ या होंठ काट दिए जाते थे। आज हम आपको ऐसी ही सजाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

सज़ा देने के ये क्रूर तरीके –

1 – धारदार लकड़ी पर बिठाया जाता था-

क्राइम करने वाले को नेकेड कर के घोड़े जैसे स्ट्रक्चर पर बैठा दिया जाता था। उसके बाद पैरों के दोनों हिस्से पर वजन बांध दिया जाता था। इससे अपराधी का शरीर दो आधे-आधे हिस्से में बंट जाता था। इस से धीरे धीरे शरीर से खून रिसता था और अपराधी की मौत हो जाती थी।

2 – शरीर को बीच से काटना

इसमें बंधी को उल्टा लटका कर पैरों से बांधकर उसके शरीर को बीच से एक धारदार हथियार से काट दिया जाता था जिस से उसकी मौत हो जाती थी।

3 – कील वाली कुर्सी पर बैठाना

1800 तक यूरोप में इस तरीके का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें कैदी को एक कील वाली कुर्सी पर बैठा कर बांध दिया जाता था। ‘जुदास चेयर’ काल कोठरी का हिस्सा हुआ करती थी। शरीर में कीलें काफी तेज चुभती थी और खून रिसने से उसकी मौत हो जाती थी।

4 – चक्के पर बांध कर तोड़ी जाती थीं हड्डियां-

टॉर्चर का ये क्रूर तरीका मध्यकाल में इस्तेमाल किया गया। इसमें व्यक्ति को एक गोलकार चक्के से बाँध दिया जाता था और उसे घुमाया जाता था जिससे उसकी हड्डियाँ टूट जाती थी और जब तक उसकी जान नहीं जाती थी तब तक इसे घुमाया जाता था।

5– नुकीले खम्भे पर बैठाए जाते थे कैदी-

सजा का ये तरीका 15वीं शताब्दी में रोमानिया में बहुत इस्तेमाल किया जाता था। इसमें एक नुकीले पोल पर कैदी को बैठाया जाता था। धीरे-धीरे ये उसके शरीर में घुसता जाता था और दो से तीन दिन में कैदी की दर्दनाक मौत हो जाती थी।

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