ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस, फंगल इन्फेक्शन के बाद अब मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक मरीज में एक नए प्रकार के फंगस 'क्रीम फंगस' का पता चला है। अधिकारियों के अनुसार, COVID-19 संक्रमित पीड़ित में ब्लैक फंगस के साथ क्रीम फंगस का मामला सामने आया है। मरीज का इलाज नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में चल रहा है। जिले में पहले से ही ब्लैक एंड व्हाइट फंगस के मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे थे।

चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया है कि शरीर से महत्वपूर्ण और सहजीवी बैक्टीरिया को खत्म करने वाले COVID-19 एंटीबॉडी के अत्यधिक उपयोग के कारण फंगल संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ये बैक्टीरिया मानव शरीर से फंगस को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 106 मरीज हैं, जिनमें से 39 मरीजों का फंगल इंफेक्शन का इलाज चल रहा है।

मध्य प्रदेश फंगल संक्रमण के मामले
राज्य में ब्लैक फंगस के 752 मामले हैं और पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश ने म्यूकोर्मिकोसिस को महामारी घोषित किया था। पिछले हफ्ते, जबलपुर के एक 55 वर्षीय व्यक्ति ने COVID-19 से ठीक होने के बाद वाइट फंगस को भी हराया था। राज्य के अधिकारियों के लिए फंगल संक्रमण का प्रकोप एक बड़ी चिंता है। संयोग से, जबलपुर में वाइट और क्रीम दोनों तरह के फंगल संक्रमण का पहला मामला सामने आया था।

इस बीच, केंद्र सरकार ने एम्फोटेरिसिन बी इमल्शन इंजेक्शन के उत्पादन में तेजी लाई है जिसका उपयोग ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। इंजेक्शन की कीमत 7000 रुपए से घटा कर 1200 रुपए कर दी गई है। सरकार ने और कंपनियों को इंजेक्शन का उत्पादन करने का निर्देश दिया है क्योंकि अब तक केवल एक दवा का निर्माण किया जा रहा था।

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