Covid-19 2nd Wave & Kids: कई तरह की रिसर्च और शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ज़्यादा शक्तिशाली और जानलेवा है, जो आसानी से प्रतिरक्षा सुरक्षा और एंटीबॉडी को पार कर सकता है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि कोविड-19 सिर्फ वयसकों के लिए ही ख़तरनाक साबित होता है, लेकिन नए मामलों में स्कूल भी शामिल हैं। कुछ एपीडेमियोलॉजिस्ट का मानना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों को भी गंभीर रूप से संक्रमित कर सकता है।

यूके और ब्राज़ील की तरह भारत भी कोविड-19 की दूसरी लेहर से जूझ रहा है, जो नौजवानों के लिए सबसे भयानक मानी जा रही है। हाल ही में बैंगलोर के एक स्कूल में 400 बच्चे कोविड-19 पॉज़ीटिव पाए गए।

कोविड के नए रूप कितने ख़तरनाक हैं?

कोविड के नए रूप, फिर चाहे वह भारत में हाल ही में पाया गया डबल म्यूटेंट वैरिएंट हो, या फिर यूके और ब्राज़ील का हो, वायरस अब एंट्री रिसेप्टर्स पर आसानी से खुद को जोड़ लेता है और फिर खास सेल लाइनिंग को अटैक करना शुरू करता है।

इस वक्त जो बच्चे कोविड का शिकार हुए उन पर ज़्यादा रिसर्च नहीं की गई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मनना है कि नए स्ट्रेन कहीं ज़्यादा संक्रामक हैं, पहलं से ज़्यादा लक्षण देखने को मिलते हैं, गंभीर स्थिति हो सकती है और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

बच्चों को क्यों हो सकता है ज़्यादा ख़तरा?

इस वक्त, वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए बहुत सारे कारक ज़िम्मेदार हैं। सावधानी बरतने में ढिलाई के साथ, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के खुलने की वजह से मामले तेज़ी से बढ़े हैं।

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