कोरोना वायरस महामारी के बीच जारी किए गए डब्ल्यूएचओ के विषाणु निवारण नियमों में मास्क पहनना सबसे प्रमुख एहतियाती उपायों में से एक है। आईआईटी बॉम्बे के हालिया शोध ने हाल ही में दिखाया है कि कोविद कफ बादलों पर 7 से 23 बार नियंत्रण दे सकते हैं। मुंह पर रूमाल या मास्क पहनना रोगी के मुंह से कफ बादलों द्वारा उत्सर्जित SARS-Cov2 के आकार और संख्या को कम करने के लिए उपयोगी है

शोध के अनुसार, जर्नल ऑफ द अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स के भौतिकी के तरल पदार्थ के जर्नल में प्रकाशित, मास्क जोखिम को 7 गुना और एन 95 मास्क 23 गुना कम कर देता है। जेट सिद्धांत पर आधारित शोध से पता चला है कि खांसी के बाद या उससे पहले 5 से 8 सेकंड हवा में बूंदों को फैलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खाँसते समय कोहनी में दर्द होने पर कफ बादल की दूरी कम कर देता है और संक्रमण फैलने की संभावना को सीमित करता है।

सार्वजनिक परिवहन यात्रियों के लिए रोग नियंत्रण के कम दिशानिर्देशों के लिए हाल ही में अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी का यह भी कहना है कि मास्क से कोरोना में संक्रमण होने का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इसलिए उन्होंने यात्रियों और चालक दल और ड्राइवरों सहित सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

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