एक मुद्दा जो हमेशा से देश में सबसे महत्वपूर्ण रहा है वह है बेरोजगारी का। वादों से चुनाव तक... कहीं रोजगार के वादे तो कहीं बेरोजगारी पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल। मगर ये शब्द आज हर किसी की जुबान पर हैं, क्योंकि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं रोजगार की, क्योंकि जब रोजगार नहीं मिलता तो बेरोजगारी की बात अपने आप सामने आ जाती है।

लोगों के जीवन पर कोरोना की दूसरी लहर का असर अभी खत्म नहीं हुआ था कि तीसरी लहर शुरू होने से पहले ही देश में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ने लगी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ओर से जारी आंकड़ों अनुसार, दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर पांच महीने के उच्च स्तर 7.91 फीसदी पर पहुंच गई है।

मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ओर से जारी आंकड़ों अनुसार दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.91 फीसदी हो गई है. आपको बता दें, नवंबर महीने में यह दर 7 फीसदी थी. वहीं बात करें अगस्त महीने की तो उस वक्त बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी। यानी यह आंकड़ा अगस्त 2021 के बाद सबसे ज्यादा है।

देश में बढ़ती बेरोजगारी निश्चित रूप से चिंता का विषय है। और खासकर तब जब शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर 9.30 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है, जो एक महीने पहले यानी नवंबर 2021 में 8.21 फीसदी थी. नौकरियों की तलाश और उनमें से कितनों को नौकरी मिलेगी, ये आंकड़े बता रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर की बात करें तो पिछले दिसंबर यानी दिसंबर 2021 में यह 7.28 फीसदी थी. अगस्त महीने में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 7.64 फीसदी थी. युवा लगातार रोजगार की मांग कर रहे हैं, मगर स्थिति यह है कि कई बार पेपर पास करने वालों को भी अब तक नौकरी नहीं मिली है.कोरोना वायरस के कारण जिन कुछ लोगों के पास रोजगार था, उनका भी रोजगार छिन गया है। राज्यों के हिसाब से बेरोजगारी दर देखी जाए तो दिसंबर महीने के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है।

दिल्ली से सटे हरियाणा में बेरोजगारी दर 34.1 फीसदी दर्ज की गई थी. वहीं, महाराष्ट्र में सबसे कम बेरोजगारी दर थी, जो 3.8 फीसदी थी। बिहार में बेरोजगारी दर 16 फीसदी, झारखंड में 17.3 फीसदी और राजधानी दिल्ली में बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी दर्ज की गई है.

इंडियन इकोनॉमी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश व्यास के मुताबिक दिसंबर 2021 में रोजगार तो बढ़ा है, लेकिन नौकरी चाहने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा रही है. लेबर मार्केट में सप्लाई ज्यादा हुई है। वहीं, पिछले महीने 83 लाख से ज्यादा लोग नौकरी की तलाश में थे। जबकि 40 लाख लोगों को रोजगार मिला है.

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