बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच, दुनिया भर के कई देशों में इसकी दवा और वैक्सीन पर शोध किया जा रहा है। वैक्सीन का चल रहा परीक्षण भी सकारात्मक परिणाम दे रहा है। दूसरी ओर, कोरोना के नए लक्षणों से लेकर दुष्प्रभावों के बारे में बहुत सारे शोध और अध्ययन चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले, शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने कोरोना वायरस के लक्षणों को बहती नाक और दस्त के रूप में सूचीबद्ध किया था।

कोरोना के दुष्प्रभावों पर हालिया शोध की बात करें तो रोगी को कोरोना संक्रमण के बाद भी मधुमेह होने का संदेह है। अब कोरोना के साइड इफेक्ट के रूप में एक नई बात सामने आई है कि यह हमारी आंखों के लिए भी बहुत खतरनाक हो सकता है। नए शोध के मुताबिक कोरोना वायरस हमारी आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पांच ऐसे कोरोना रोगियों की जांच की गई है, जिनके कोरोना वायरस का आंखों पर बुरा प्रभाव पाया गया है।

हालांकि, उनकी आंखों की रोशनी बहाल होने से पहले ही मरीजों को बचा लिया गया था। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मरीजों की आंखों से पानी आने के साथ सूजन की शिकायत मिली है। मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर और नेत्र रोग विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना वायरस किसी भी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यहां पांच मरीज ऐसे हैं जिन्हें आंखों की बड़ी समस्या थी, लेकिन रोशनी जाने से पहले उन्हें बचा लिया गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना के रोगियों में रक्त के थक्के विकसित होते हैं, जो एक खतरनाक स्थिति है। ये रक्त के थक्के कहीं भी हो सकते हैं। रक्त के थक्के आंखों, हृदय, गुर्दे और उनकी नसों में भी बन सकते हैं। यह स्थिति मनुष्यों के लिए खतरनाक है।

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