आमतौर पर हमारी सेहत खराब होते ही हम डॉक्टर को देखा कर दवाई ले आते है। लेकिन कभी - कभी ऐसा होता है कि हम लगातार कई बार डॉक्टर्स की दवाईयां लेते रहते है लेकिन फिर भी दवाइयों का असर हमारे सेहत पर होता ही नहीं है। वहीं जब हम ज्योतिष के पास जाते है तो उनकी बातों पर विश्वास करना भी हमे ज़ायन भी लगता है। हम जल्दी से उनकी बात पर विशवास नहीं कर पाते है। इसलिए आज हम आपको बता रहे है कि ज्योतिष के अनुसार क्या सच में हमारी सेहत पर ग्रहों और नक्षत्रों का असर पड़ता है या नहीं... ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्रों की बात हमारे सेहत से जुडी हुई बताई गयी है। ज्योतिष चिकित्सा में ये 27 नक्षत्र सेहत अपना महत्व अलग रखते है। लेकिन आज हम यहां आपको इनमे से जो आपकी सेहत के लिए जानना बेहद जरुरी है, उनका आज हम यह विस्तार से बता रहे है।

- अश्विनी (Ashwini Nakshatra) - इस नाम के नक्षत्र के प्रभाव से अनिद्रा एवं मतिभ्रम जैसी बीमारी होती है। इसका प्रभाव एक दिन, नौ दिन अथवा पच्चीस दिन तक रहता है।

- कृत्तिका (Krittika Nakshatra) - इस नक्षत्र के प्रभाव से उदर शूल, तीव्र वेदना, अनिद्रा तथा नेत्र से संबंधित रोग होते है। इसका प्रभाव कम से कम 9 दिन या 21 दिन तक रहता है ।

- मृगशिरा (Mrigashira Nakshatra) - इस नक्षत्र में त्वचा रोग जैसे एलर्जी शरीर पर हो जाती है। ये बीमारी मृगशिरा नक्षत्र के प्रभाव से 3 दिन ,5 दिन या 9 दिन तक बनी रहती है।


- आर्द्रा (Ardra Nakshatra) - इसके प्रभाव से स्नायुविकार या कफ से संबंधित रोग आपको हो सकता है। इसका प्रभाव 10 दिन या फिर एक महीने तक रहता है।

- आश्लेषा (Aashlesha Nakshatra) - आश्लेषा नक्षत्र सर्वांगपीड़ा देने वाला होता है। इस नक्षत्र के प्रभाव से आपको भयंकर बीमारी हो सकती है इसमें विष रोग, सर्पदंश जैसी बीमारियां होती है। इसका प्रभाव 9 दिन , 20 दिन तक रहता है। इसमें बीमारी मृत्युतुल्य भी सिद्ध हो सकती है।

- हस्त (Hasta Nakshatra ) - इस नक्षत्र का प्रभाव से पेट से संबंधित बिमारियों से होता है। यदि इस नक्षत्र में बीमारी होती है तो इसका प्रभाव कम से कम 7 दिन , या 15 दिन तक बना रहता है।

- पूर्वाफाल्गुनी (Purvaphalguni Nakshatra) - इस नक्षत्र में कान की बीमारी, बुखार या वेदना देने वाली बीमारी होती है। इसका प्रभाव 15 दिन या 30 दिनों तक रहता है।

- स्वाति (Swati Nakshatra ) - स्वाति नक्षत्र के प्रभाव से नेत्र रोग हो सकता यही जिसका शीघ्रता से उपचार नहीं हो पाता है। 2 दिन या 10 दिन तक बनी रहती है।

- शतभिषा (Shatabhisha Nakshatra) - इस नक्षत्र में बुखार या विषम ज्वर होता है। इन का प्रभाव 10 दिन या 21 दिन तक रहता है।

- पूर्वाभाद्रपद (Purvabhadrapada Nakshatra ) - इस नक्षत्र में वमन, घबराहट, शूल तथा मानसिक बीमारियां लगातार होती रहती है। इस नक्षत्र में हुई बीमारी 10 दिन से महीने भर तक भी हो सकती है।

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