ब्लैक फंगस कोई संक्रामक बीमारी नहीं है बल्कि यह ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में उक्त बातें कहीं। इसी बीच कोरोना के थर्ड वेब में बच्चों पर किस्ता असर है या नहीं है इसपर उन्होंने चर्चा किया।

रणदीप गुलेरिया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे लेकिन बच्चों के डाॅक्टरों के संघ ने कहा है कि यह तथ्यों पर आधारित नहीं है, ऐसा संभव है कि बच्चों पर इसका असर न पड़े इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए।


डाॅ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना मरीजों में कुछ लक्षण बीमारी के तुरंत बाद देखे जाते है जिसे पोस्ट कोविड कहा जाता है, अगर वह लक्षण 4-12 सप्ताह तक दिखता है, तो उसे पोस्ट एक्यूट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है, अगर यह लक्षण 12 सप्ताह से अधिक देखा जाता है तो उसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है।

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