स्कूल स्टार्ट हो चुके है | और शुरू से ही यदि पढाई पर प्रॉपर तरीक़े से ध्यान दिया जाये तो बच्चें क्लास में ही नही स्टेट भी टॉप कर सकते है| बच्चों के पेरेंट्स यदि कुछ बातों पर ध्यान दे तो वह अपने बच्चों को काबिल बना सकते है|
काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निंद्रा तथैव च
अल्पाहारी, सदाचारी एतद विद्यार्थिन पंच लक्षणं।

अर्थात एक विद्यार्थी को कौवे की तरह जानने की चेष्टा रखनी चाहिए, बगुले की तरह ध्यान लगाकर पढना चाहिए, "कुत्ते की तरह सोना चाहिए यानी कुत्ता थोड़ी से आहात से ही जाग जाता है|" ज़रूरी हो उतना ही खाना चाहिए और गृह-त्यागी होना चाहिए,

हमे सुबह जल्दी उठकर पढने की आदत डालनी चाहिए,सुबह का पढ़ा हमेशा याद भी रहता है| सुबह घर और आसपास का वातावरण एकदम शांत होता है|देर रात तक बच्चे जब पढते है तो खुद को थका हुआ महसूस करते है| ज्यादा देर जागने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है|

पढाई के लिए प्रॉपर Timetable बनाना ज़रूरी है| जिसमें रात के लिए कम और सुबह के लिए समय ज्यादा रखे|

पढाई करते समय किसी एक विषय पर ही सारा ध्यान फोकस नही होना चाहिये | सभी विषयों में अच्छे नंबर लाने के लिए सभी विषय पर ध्यान देना ज़रूरी है| जब भी हम पढाई के लिए टाईमटेबल बनाये उसमे सभी विषयों के लिए पर्याप्त व बराबर समय दे|

कठिन सब्जेक्ट के लिए एक्स्ट्रा टाइम भी निकालना ज़रूरी है| जो विषय कठिन लगे उसमें ज्यादा मेहनत की जरुरत होती है|

लगातार पढाई करने से हमेशा बचना चाहिये जी हाँ हमे हर सब्जेक्ट की तैयारी के बाद 10-15 मिनट का ब्रेक जरूर लेना चाहिये| इससे आप बिल्कुल भी बोर नही होंगे और पिछला पढ़ा भी याद रहेगा|

पढाई का एक कमरा बना लो| यदि नही है तो एक शांत कोना ढूढ़ कर बैठ कर पढाई कर सकते हो| शांति में पढाई अच्छी होती है| कभी भी बिस्तर पर लेटकर नही पढना चाहिए इससे आलस आता है|

जो चीज हम स्कूल में पढ़ते है उसे घर पर आकर दोहराना चाहिये| और जो चीज़ आपको समझ नही आ रही है | उस टॉपिक पर आप दुसरे दिन अपने टीचर से पूछ सकते हो क्योंकि करंट टॉपिक पर टीचर भी इंटरेस्ट लेती है|

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