चाणक्य ने हर उम्र के व्यक्तियों के लिए अपनी नीतियों में ज्ञानवर्धक बातों का उल्लेख किया है। इन बातों का ध्यान रख कर और इन्हे अपना कर हम जीवन में सफल हो सकते हैं। आज हम आपको ऐसी 7 चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका युवाओं को परहेज करना चाहिए। यदि वे परहेज करते हैं तो जीवन में तरक्की कर सकते हैं। आइये जानते हैं इन चीजों के बारे में।

* कामवासना : युवाओं को हमेशा कामवासना से दूर ही रहना चाहिए। क्योकिं इन बातों में उलझ कर सेहत और अध्यन्न दोनों पर ही ध्यान नहीं दिया जा सकता है। कामवासना व्यक्ति को निष्क्रिय कर देती है जबकि युवावस्था सक्रिय रहने की होती है।

* क्रोध : चाणक्य के अनुसार क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और यह सोचने समझने की शक्ति को भी खत्म कर देता है। युवाओं के लिए क्रोध और भी अधिक हानिकारक है। इसलिए उन्हें क्रोध करने से बचना चाहिए।

* लालच : युवाओं को कभी किसी चीज का लालच नहीं करना चाहिए। क्योकिं यह उनके सफलता के रास्ते में सबसे बड़ा दुश्मन बनता है। इसलिए भूल कर भी किसी चीज का लालच ना करें।

* स्वाद : युवावस्था में जितना हो सके उतना आपको कठिन प्रयास करना चाहिए और युवाओं को स्वादिष्ट भोजन का लालच त्याग देना चाहिए। इसके बजाय स्वास्थ्यवर्धक संतुलित भोजन करना चाहिए।

*श्रृंगार : शृंगार को आज के समय में फैशन कहते हैं। युवा यदि शृंगार पर अधिक ध्यान देते हैं तो अध्यन्न पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। शृंगार पर ध्यान देने की बजाय उन्हें यह प्रयास करना चाहिए कि वे साफ सुथरे रहें। स्वछ कपड़े पहनें।

* मनोरंजन : हालाकिं जीवन में मनोरंजन बेहद जरूरी है लेकिन अति हर चीज की बुरी होती है। इसलिए युवाओं के लिए भी आवयश्कता से अधिक मनोरंजन घातक साबित हो सकता है।

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