चाणक्य नीति: इन गुणों के बिना मनुष्य मुर्ख है विद्वान नहीं
चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य जीवन को सुखद बनाने के लिए बहुत सी बातें कही है। यदि कोई मनुष्य वाकई में इन नीतियों का पालन करता है तो वह जीवन में काफी आगे बढ़ सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बिना मनुष्य विद्वान होने पर भी मुर्ख ही समझा जाता है। आइये जानते हैं इन गुणों के बारे में।
अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे यह दिखाना चाहिए कि वह जहरीला है
चाणक्य के अनुसार इस वाक्य का अर्थ यह है कि यदि कोई व्यक्ति कितना ही शरीफ क्यों ना हो उसे यह नहीं दिखाना चाहिए कि वह बेहद शरीफ है। इस से धूर्त लोग उसका फायदा उठा सकते हैं।
मूर्खों के साथ बहस करना
चाणक्य ने मूर्खों के साथ बहस करने को भी मूर्खता कहा है। भले ही आपको पता है कि आप सही हैं लेकिन यदि सामने वाला मुर्ख व्यक्ति इस बात को नहीं मानता है तो भली इसी बात में है कि आप उसके साथ बहस ना करें। ना ही उसे किसी बात की सलाह दें क्योकिं ऐसा करने से अंत में आप ही दुखी होंगे।
दुनिया में कोई भी दोस्ती बिना मतलब के नहीं होती और यह कड़वी सच्चाई है
एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपने आप से हमेशा यह सवाल जरूर पूछना चाहिए कि इस इंसान को आपसे क्या चाहिए। इसका ये मतलब नहीं कि आप बहुत ज्यादा शकी हो जाएँ। लेकिन फिर भी एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपने आप से यह सवाल जरूर पूछना चाहिए।
मीठे बोलने वालों और पीठ पीछे कड़वे बोलने वालों को पहचाने
बुद्धिमान व्यक्तियों को ऐसे लोगों से बच कर रहना चाहिए जो मुँह पर मीठे बने और पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनायें। ऐसे लोगों से हमेशा सतर्क रहें।
दुश्मनों के अलावा दोस्तों से भी सतर्क रहें
दुनिया कहती है कि दुश्मनों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए लेकिन चाणक्य कहते हैं कि आपको अपने सबसे गहरे दोस्त से भी सतर्क रहना चाहिए। क्योकिं वह आपके सारे राज जानता है और जिस दिन वह आपसे नाराज होगा उस दिन आपके सारे राज दूसरों को बता देगा। इसलिए बुद्धिमान व्यक्तियों को अपने गहरे राज खास दोस्तों से भी शेयर नहीं करने चाहिए।