कल से नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं। ऐसे में नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा का ही एक रूप है. पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है और पूजा स्थल को गंगाजल और गाय के गोबर से पवित्र किया जाता है। अब हम आपको मां शैलपुत्री और उनकी पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

मां शैलपुत्री- मां शैलपुत्री सुख-समृद्धि की दाता हैं, इस कारण इनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ऐसा माना जाता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है। कहा जाता है कि मां शैलपुत्री को भी अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।


कैसे करें पूजा- नवरात्रि के पहले दिन पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें. इसके बाद माता शैलपुत्री का चित्र स्थापित करें। अब उसके नीचे लकड़ी के खम्भे पर लाल रंग का कपड़ा रखें और उस पर केसर बिछा दें। अब इसके बाद उस पर मनोकामना पूर्ण करने वाला तकिया रखें और अब हाथ में लाल फूल लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें। अब आप मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, लोहबान, फूल आदि चढ़ाएं। इसके बाद माता के मंत्र का जाप करें। अंत में कपूर या गाय के घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें और शंखनाद से घंटी बजाएं। हो सके तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

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