चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, हर साल बसंत के मौसम में आता है। जॉर्जियाई कैलेंडर के अनुसार, यह आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल (शनिवार) से 11 अप्रैल (सोमवार) तक मनाई जाएगी। अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि (नौ रातों) को देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की नौ दिनों तक पूजा करने के लिए मनाया जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2022 का महत्व:

नवरात्रि का पहला दिन हिंदू कैलेंडर का पहला दिन होता है और यह चंद्रमा के शुक्ल पक्ष यानी पूर्णिमा चरण के दौरान आता है। देवी दुर्गा की स्तुति करने के लिए नौ दिनों के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान हर दिन अलग-अलग होते हैं।

अलग-अलग राज्य इस त्योहार को अलग-अलग नामों से पहचानते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है जबकि कश्मीर में इसे नवरेह के नाम से जाना जाता है। यह भारत में कई राज्यों में विभिन्न फसल त्योहारों के साथ मेल खाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में भक्त घटस्थापना या कलश स्थापना के साथ शुरू होते हैं।

देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है:

शैलपुत्री या प्रतिपदा, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री

घटस्थापना/कलश स्थापना 2022 का शुभ मुहूर्त:

चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल 2022 शनिवार को प्रातः 06:22 बजे से 08:31 बजे तक रहेगा। कुल अवधि 02 घंटे 09 मिनट होगी। इसके अलावा घटस्थापना पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.08 बजे से दोपहर 12.57 बजे तक रहेगा.

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