इंटरनेट डेस्क। देश के विभिन्न शहरों में मानसून की शुरूआत हो चुकी है। लोग बारिश की फुहारों के बीच मौसम का मजा लेने के लिए रेस्तरां और पर्यटन स्थलों की ओर कूच कर रहे हैं।

लेकिन इसी बीच आपको सावधान रहने की जरूरत है। जी हां, मानसून के शुरू होते ही पीलिया, मलेरिया, डेंगू और चिकगुनियां जैसी कई जानलेवा बीमारियां दस्तक देने लगती हैं।

ऐसे में हमें इन जानलेवा बीमारियों से बचकर रहना चाहिए। डेंगू होने पर इंसान को जब तक बुखार रहता है, तब तक उसके मृत्यु का खतरा बरकरार रहता है।

डेंगू को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए तथा समय—समय पर डाक्टर की सलाह पर उचित दवाईयां लेते रहना चाहिए।

मानसून के शुरूआत में सफाई नहीं होने के चलते सड़के के किनारे मौजूद गंदे नाले उपर से बहने लगते हैं। ऐसे में इस गंदे पानी के संपर्क में आते ही पैरों में संक्रमण होने का डर रहता है।

इसलिए अस्थमा तथा डायबिटीज के मरीजों को अपने पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मानसून के दिनों में हरी सब्जियों में कीड़े पाए जाने लगते हैं।

इसलिए शादी—विवाह या फिर सामूहिक भोजों में हल्का भोजन ही करना चाहिए। हो सके तो घर भी पानी उबालकर पीना चाहिए।

बारिश के दौरान कपड़े गीले होने से गुप्तांगों के पास, अंगूठों के बीच, बगल आदि में रिंगवर्म जैसे संक्रमण आदि होने की संभावना बनी रहती है।

मानसून के दिनों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या अचानक ही बढ़ जाती है। क्योंकि जुलाई से लेकर सिंतबर तक के इन तीन महीनों में घर के आसपास डेंगू मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है।

ऐसे में वारयरल फीवर से बचने के लिए हो सके तो रात के समय मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। बारिश के दिनों जल संक्रमण होने का खतरा मौजूद रहता है।

मानसून के दिनों में हैजा फैलने का भी डर बना रहता है। हैजे की बीमारी भी प्रदूषित जल पीने के चलते ही होती है।

इस प्रकार पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए हो सके तो आरो का ही पानी पिएं। आॅरो वॉटर की अनुपलब्धतता में उबला हुआ पानी जरूर पिएं।

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