Cancer Symptoms: कैंसर का इलाज फर्स्ट स्टेज में शुरू हो तो बच सकती है जान! साइलेंट किलर के ये हैं लक्षण
ज्यादातर मामलों में लोग कैंसर के निदान में देरी करते हैं और इसके परिणामस्वरूप यह बीमारी और भी फैलती है। ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के शुरूआती दौर में पता ही नहीं चलता और इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। आज हम आपको फेफड़ों के कैंसर और उसके इलाज के बारे में बताएंगे।
जब कैंसर फेफड़ों में कोशिकाओं में शुरू होता है, तो इसे फेफड़ों का कैंसर या फेफड़ों का कैंसर कहा जाता है। फेफड़े का कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और ज्यादातर मामले धूम्रपान के कारण होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फेफड़ों के कैंसर के बारे में समय पर पता चल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार फेफड़ों के कैंसर के केवल 15 प्रतिशत मामलों का ही पहले चरण में इलाज किया जा सकता है। इसके बाद भी जीवित रहने की दर 54 प्रतिशत है। प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का इलाज करने से रोगियों को अधिक समय तक जीवित रहने में मदद मिल सकती है।
खांसी फेफड़ों के कैंसर का मुख्य लक्षण है। फेफड़ों के कैंसर में खांसी समय के साथ गंभीर हो जाती है। दवा लेने के बाद भी कोई खास असर नहीं होता है। इसके बाद फेफड़ों में सूजन आ जाती है। खांसने पर खून आने लगता है और सांस लेने में काफी तकलीफ होती है।
फेफड़ों के कैंसर का इलाज स्थिति और बीमारी के आधार पर सर्जरी, कीमोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा से किया जाता है। पहले चरण में, रोगी के ठीक होने की संभावना अधिक होती है, लेकिन अंतिम यानि चरण IV मेटास्टेसिस में, कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल गया है, जिसके बाद रोगी के बचने की संभावना बहुत कम होती है।