दुनिया में अपने कई ऐसे कई अजीबो गरीब चीजे देखीं होंगीजिन पर यकींन करना, मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा है। वहीं दुनिया में कई झील है जो अपनी खूबसूरती के लिए पुरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे में बताने जा रहे है। जिसमें नाव चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा है। यहां हम बात कर रहे है कराकुल झील की।
मध्य एशियाई के देशो में फैले पामीर के पठार को दुनिया की छत माना जाता है और इन्ही पहाड़ियों से ये कराकुल नाम की झील भी निकलती है।

माना जाता है कि इस झील का निर्माण क़रीब ढाई करोड़ साल पहले धरती से एक उल्कापिंड टकराने की वजह से हुआ था। यह झील 380 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। जानकारी के अनुसार पहले इस झील का नाम महारानी विक्टोरिया के पर रखा गया था लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर कराकुल यानि काली झील रख दिया गया। इस झील की सबसे बड़ी खासियत है कि कराकुल झील कुछ कुछ दिनों में अपना रंग बदल लेती है। कभी इस झील का रंग नीला, कभी आसमानी तो कभी गहरे हरे रंग का हो जाता है। झील का रंग अपने आप ही बदलता रहता है। शाम के समय इसका रंग काला नजर आता है। पर्यटकों के लिए ये झील काफी आकर्षण का केंद्र है।

दुनिया भर से दूर दूर से लोग इस झील को देखने के लिए आते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह झील एशिया की सबसे खारी झील है। क्योंकि इसका पानी कही बाहर नहीं जाता और यह चारों तरफ से नमक से घिरी हुई है। इस पानी में इतना नमक है कि मछली के अलावा इसमें कोई और जीव जिंदा नहीं रह सकता। वहीं इस झील में सिर्फ स्टोन लोच नाम की मछली पाई जाती है। इसके साथ ही इसकी खासियत है कि इस झील पर कोई भी नाव नहीं चला सकता है। अगर कोई नाव चलाने की कोशिश करता भी है तो उसके पलटने की आशंका बहुत ज़्यादा बनी रहती है। इसके चलते यहां नाव चलना मना है।

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