इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की शनि चरित्र में कर्म की प्रधानता है। शनि उपासना कर्म और कर्तव्य के प्रति दृढ़ संकल्पित व प्रेरित करती है। शास्त्रों के मुताबिक शनि बुरे कर्म करने पर ही प्राणियों को अनेक तरह से दण्डित करते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से शनि दशा, शनि की चाल या शनि की क्रूर दृष्टि के रूप में जानी जाती है।

दोस्तों आज हम आपको शनि देव के कुछ ऐसे मंत्र के बारे में बता रहे है जिनका नियमित रूप से जाप करने पर आपके ऊपर कृपा बनी रहेगी जिसके कारण घर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। तो दोस्तों आप भी इन मंत्रो के के बारे में जान लीजिये।

वैदिक मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नम:

ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु ‍पीतये। शं यो‍रभि स्रवन्तु न

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:


शनि गायत्री मन्त्र

शनि गायत्री मंत्र पाठ : औम कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात |

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