जब यात्रा सुरक्षा की बात आती है, तो यात्री अक्सर अपनी यात्रा के दौरान प्रदान किए गए बीमा कवरेज की सीमा के बारे में सोचते हैं, खासकर सरकार द्वारा संचालित परिवहन के साधनों में। जबकि भारतीय रेलवे यात्री बीमा की पेशकश के लिए जाना जाता है, सरकारी बसों का परिदृश्य एक सवाल बना हुआ है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे क्या रेलवे यात्रियों की तरह बस यात्रियों का भी बीमा रहता हैं, आइए जानें-

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परिवहन प्रदाताओं की जिम्मेदारी:

ट्रेन या बस से यात्रा करते समय यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित ड्राइवरों की होती है। ट्रेन दुर्घटनाओं के मामले में भारतीय रेलवे यात्रियों को मुआवजा देता है और टिकट बुकिंग के दौरान यात्रा बीमा का विकल्प उपलब्ध होता है। हालाँकि, सरकारी बसों में बीमा प्रावधानों की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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राज्य-विशिष्ट व्यवस्थाएँ:

भारत में सरकारी बसों में बीमा को लेकर हर राज्य की अपनी-अपनी व्यवस्था है। गौरतलब है कि इस कवरेज के लिए कोई निश्चित राशि निर्धारित नहीं है। कई मामलों में, राज्य सरकारें उन व्यक्तियों को मुआवज़ा देती हैं जो सरकारी बसों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं या मारे जाते हैं।

परिवहन निगम (रोडवेज) की भूमिका:

परिवहन निगम, विशेष रूप से रोडवेज के संदर्भ में, न केवल यात्रियों का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करता है बल्कि दुर्घटना बीमा भी प्रदान करता है। इस बीमा की लागत टिकट की कीमत में अंतर्निहित है, जिसमें न्यूनतम किराया 50 पैसे और अधिकतम 2.5 पैसे प्रति टिकट लिया जाता है।

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मुआवज़ा संरचना:

उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश (यूपी) को लेते हुए, परिवहन निगम रोडवेज बसों के लिए दुर्घटना की स्थिति में ₹500,000 का मुआवजा देता है। यात्री अतिरिक्त ₹1 का भुगतान करके इस बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं, जो टिकट की लागत में शामिल है।

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