कोरोना वायरस का कहर अब बढ़ता ही जा रहा है। देश में लॉकडाउन के बावजूद कोरोनापॉजिटिव लोगों की संख्या 694 हो चुकी है। वहीं इससे 16 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब भारत को लेकर दुनिया की एक बड़ी यूनिवर्सिटी ने एक रिपोर्ट जारी की है। उसके अनुसार आने वाले 4 महीने भारत के लिए बेहद परेशानी भरे होने वाले हैं।

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और द सेंटर फॉर डिजीज़ डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (CDDEP) ने भारत के सभी आंकड़ों का बेहद बारीकी से अध्यन्न किया और अलग अलग वेबसाइट्स का भी आंकड़ा लिया।

इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत में कोरोना वायरस की डरावनी लहर जुलाई अंत या अगस्त के मिड में खत्म होगी। उस समय पूरे देश के लाखों की संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे। फिर जुलाई से ये संख्या कम होती जाएगी।

रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि 25 लाख तक लोग इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। अभी भारत में कई लोग कोरोनापॉजिटिव है लेकिन उनमे लक्षण दिख नहीं रहे हैं।

भारत में करीब 10 लाख वेंटीलेटर्स की जरूरत पड़ेगी लेकिन भारत में 30-40 हजार ही वेंटिलेटर्स हैं। अमेरिका में 1.60 लाख वेंटीलेटर्स हैं फिर भी कम पड़ रहे हैं जबकि अमेरिका की जनसंख्या भारत से काफी कम है।

जितना लॉकडाउन रहेगा उतना लोग सेफ रहेंगे लेकिन ये 3 महीने बेहद मुश्किल भरे होने वाले हैं। भारत में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मास्क, हैजमट सूट, फेस गियर आदि नहीं है। इसके अलावा पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं, आईसीयू आदि की भी भारत में कमी है। इस दौरान बुजुर्गों के साथ साथ 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी आइसोलेशन में रखना होगा।

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