भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोनोवायरस वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन इससे पहले एक प्रभावी एंटी-कोरोनावायरस दवा विकसित की जा सकती है और यह देश में उपलब्ध होने की संभावना है। दवा को वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित किया गया है और इसका नाम MW है।

दवा के दो नैदानिक परीक्षण हुए हैं और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए ड्रग कंट्रोलर द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह जानकारी सीएसआईआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। राम विश्वकर्मा ने दी है।


उन्होंने कहा कि दो-चरण का परीक्षण उत्साहजनक था और दवा को दवा नियंत्रक के सामने भी रखा गया था। फिर उन्हें तीसरे चरण की परीक्षा के लिए अनुमोदित किया गया। डॉक्टर विश्वकर्मा ने यह भी बताया कि देश में लगभग 300 लोगों पर इस दवा का परीक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा। तीसरे चरण के परीक्षण की तैयारी अपोलो अस्पताल के साथ-साथ एम्स में भी शुरू हो गई है।

यदि तीसरे परीक्षण के परिणाम सफल होते हैं, तो दवा अगले वर्ष की पहली तिमाही में बाजार में उपलब्ध हो सकती है और कोरोना रोगियों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि यह दवा इम्यूनोथेरेपी के रूप में काम करेगी और अगर मरीज का इलाज चल रहा है तो यह दवा उसे दी जा सकती है और साथ ही एक स्वस्थ व्यक्ति को भी बचाया जा सकता है। एक रोगी को ठीक करने की कोरोना की दवा में दावा किया गया है और अब यह तीसरे चरण के परीक्षण पर आधारित है।

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