कोरोना से पहले इस बीमारी के लिए बनी थी दुनिया की पहली वैक्सीन, जिसने ली थी लाखों-करोड़ों लोगों की जान
वर्तमान समय में कोरोना वायरस के रूप में मानवता अब तक का सबसे बड़ा संकट देख रही है। दुनियाभर में कोरोना के चलते तबाही मची हुई है। आंकड़ों की बात करें तो कोरोना ने करीब 17 लाख लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। लेकिन अब वैक्सीन आने की बात से लेगो थोड़ी राहत है। लेकिन आपको बता दे कोरोना पहली नहीं बल्कि इससे पहले भी बहुत सी ऐसी बीमारी जिसने लोगो को अपने चपेट में लिया है।
इतिहास में प्लेग, चेचक, हैजा, टाइफाइड, टिटनेस , रेबीज, टीबी, पोलियो जैसी कई महामारी फैली थीं, जिनकी वजह से लाखों-करोड़ों लोगों की जान गई थी। अध्ययन और शोध बताते हैं कि किसी भी संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण बहुत ही प्रभावी और कारगर उपाय है। शुरुआत में दुनिया में चेचक, पोलियो और टिटनस जैसे रोगों से निजात टीकाकरण के माध्यम से पाई गई थी।
साल 1798 यही वो साल था जब दुनिया के सामने पहली वैक्सीन आई। इसे बनाने वाले महान वैज्ञानिक एडवर्ड जेनर थे। जेनल ने स्मॉल पॉक्स यानी छोटी माता के टीके को बनाया था। जेनर के लिए इस टीके को बनाना इतना आसान काम नहीं था, उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
लेकिन लाख कोशिशों के बाद वैक्सीन सफल होने के बाद जेनर ने मेडिकल के कई और विषयों में भी शोध किए। 26 जनवरी 1832 को दुनिया का पहला टीका देने वाले एडवर्ड जेनर दुनिया से चले गए। जी हां वैक्सीन शब्द एडवर्ड जेनर के प्रयोग की ही देन है। दरअसल लैटिन भाषा में गाय को वैका कहा जाता है। इसी शब्द से वैक्सीन शब्द की उतपत्ति हुई।