हर लड़की अपनी शादी को लेकर बहुत सजग रहती है। कहते है कि हर लड़की अपनी शादी के सपने बचपन से ही सोचने लग जाती है। लेकिन अगर किशोर अवस्था में ही किसी भयंकर बीमारी आपको जकड़ ले, तो हर सपने अधूरे से लगने लग जाते है। कैंसर है ही ऐसी बीमारी का नाम जिसे हर कोई सुनकर कांप जाता है। ये तब और भी भयानक बन जाता है जब इसकी तीसरी अवस्था पर आ जाता है। यहां हम बात कर रहे है कैंसर की तीसरी अवस्था में रह रही वैष्णवी पूवेंद्रन पिल्लै की। इन्हे सब नवी इंद्रन पिल्लै ये तमिलनाडु से है। लेकिन अब मलेशिया में रह रहे है।


नवी इंद्रन अपने शादी के सपने को आज पूरा करने जा रही है। कहा जाता है कि एक दुल्हन पर उसके बाल देवी के रूप को दर्शाते है, हर श्रंगार को अच्छा लगने के लिए एक महिला के बाल काफी अहमियत रखते है।
माथे पर बिंदी, होठों पर लिपस्टिक के बीच खिल - खिलाती मासूम मुस्कुराहट, हाथों-पैरों पर रची गहरे रंग की मेंहदी और गहने के साथ दुल्हन का लाल जोड़ा वाक्य काफी सूंदर नवी इंद्रन अपनी शादी में। बिना बालों के दुल्हन इतनी सूंदर भी लग सकती है ये आज हमने नवी इंद्रन से सीखा है।


अपने दो कैंसर को हरा कर अब तीसरे कैंसर से हाल ही में कीमोथेरेपी का आख़िरी सेशन पूरा कर लिया है। इसमें नवी इंद्रन के पुरे बाल जा चुके है।
इसके बाद उन्होंने अपने शादी के सपने को पूरा करने के लिए ब्राइडल शूट करवाया है। आपको बता दे कि नवी इंद्रन की एक बड़ी बहन भी है। नवी इंद्रन ने
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके इंजीनियर का काम भी किया है। उन्हें भरतनाट्यम डांस बहुत पसंद है। उन्होंने कैंसर से लड़ने और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने की मिसाल कायम की है।

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