इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपने ने कई लोगो को देखा होगा अपने खाने में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करते है। ये देखकर आपके मन में तो यह सवाल जरूर आया होगी आखिर ये लोग लहसुन और प्याज क्यों नहीं कहते है। दोस्तों आज हम आपको आपके इस सवाल का जबाव देंगे। तो आप भी जान लीजिए।

दोस्तों आपको बता दे की वैसे ही आयुर्वेद में भोजन को तीन भागों में बांटा गया है। पहला भाग सात्विक भोजन दूसरा भाग राजसिक भोजन और तीसरा भाग तामसिक भोजन। सात्विक भोजन से संयम, मन की शांति और ध्यान में सहायता मिलती है। राजसिक भोजन लगन और जोश में बढ़ाता है। तामसिक भोजन व्यक्ति को व्यसन और वासनाओं की ओर ले जाता है।

तो दोस्तों आपको बता दें, लहसुन को तामसिक प्रवृत्ति का माना गया है जिसके चलते जैन धर्म और ब्राह्मण धर्म के लोग इसे नहीं खाते. जैन धर्म में लोगों का ये मानना है कि लहसुन जमीन में उगता है और निकालने के बाद उसमें सफाई की जाती. इस सफाई में कई सारे सूक्ष्म जीव मर जाते हैं. जैन धर्म अहिंसा का पक्ष करता है इसलिए वे लहसुन को नहीं खाते। इ

स पर लोगों का ये मानना है इससे व्यसन बढ़ता है और दुराचार की भावना पैदा होती है। यही कारण है कुछ लोग लहसुन और प्याज नहीं खाते।

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