एक समय पर श्री कृष्ण और राधा का अटूट प्रेम था और उनका प्रेम आज भी हर किसी के लिए यह एक बड़ी मिसाल है जो प्रेमी जोड़े होते हैं वे उनको बहुत मानते हैं क्योंकि यह मानते हैं कि अगर भगवान कृष्ण की पूजा करेंगे तो हमको भी उसी तरह का प्यार मिल सकता है और भगवान कृष्ण की तरह उनका प्रेम अटूट होगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि राधा रानी कृष्ण की पत्नी नहीं थी फिर भी उनका नाम भगवान श्रीकृष्ण के साथ बड़े प्रेम से लिया जाता है। यहां तक की मंदिरों में भी राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा साथ में होती हैं।

दोनों में इतना प्रेम होने के बावजूद भी यह दोनों एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में नहीं बन पाए। इसके पीछे क्या कारण थे आज हम आपको वही बता रहे है, तो जानिए कृष्ण और राधा रानी के जीवन से जुड़ा यह रहस्य।

श्री कृष्ण से नाराज हो गई थी राधा रानी :


पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण और राधा जी गोलोक में रहते थे एक बार वे अपनी पत्नी रुकमणी के साथ गिरजा में भ्रमण कर रहे थे। तब राधा जी ने भगवान कृष्ण को रुकमणी के साथ गिरजा का साथ में भ्रमण करते देखा तो वह अत्यंत क्रोधित हो गई। राधा जी के लिए गिरजा में भगवान कृष्ण का रुकमणी के साथ होना एक बहुत बड़ी पीड़ा के समान था इसलिए उन्होंने वहां से जाने का निर्णय लिया।

श्रीदामा ने दिया राधा रानी को श्राप :
श्रीदामा भगवान कृष्ण का एक परम भक्त और सेवक था उसको अपने प्रभु का यह अपमान सहन नहीं हुआ उसने राधा रानी को बहुत रोका पर श्री दामा के कहने पर भी राधा रानी नहीं रुकी। इसके बाद श्रीदामा ने राधा जी का अपमान कर दिया। श्रीदामा का अपने प्रति ऐसा व्यवहार देखकर राधा रानी ने उन्हें श्राप दे दिया कि उसे अगले जन्म में राक्षस कुल में जन्म मिलेगा और इतना सुनते ही श्रीदामा ने भी राधा रानी जी को श्राप दे दिया कि वह अपना अगला जन्म मनुष्य के रूप में होगा और वे अपने प्रेमी से बिछड़ जाएगी। श्रीदामा के श्राप के कारण राधा रानी का जन्म वृषभानु और कीर्ति की पुत्री के रूप में हुआ था। उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को कंस का वध करने के लिए निकलना पड़ा और उसके बाद भी हमेशा के लिए एक दूसरे से अलग हो गए।


वैसे तो हम उनके जीवन के बारे में बहुत सी कहानियां प्रचलित है कि उनका विवाह एक दूसरे से क्यों नहीं हो पाया लेकिन कुछ कथा यह भी बताती है की भगवान कृष्ण का मानना यह था कि दोनों का अस्तित्व एक ही है दोनों एक दूसरे की आत्मा में विराजमान है और कोई आदमी अपनी आत्मा से विवाह कैसे कर सकता है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह नही किया।

राधा रानी जी का ही दूसरा रूप थी रुकमणी :


राधा रानी की तरह ही रुकमणी भी भगवान श्रीकृष्ण से अटूट प्रेम करती थी। उन्होंने पहले से ही भगवान श्री कृष्ण को अपना जीवनसाथी मान लिया था और भगवान श्री कृष्ण भी रुकमणी को दिल से प्रेम करते थे और कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि रुकमणी राधा रानी जी का ही दूसरा रूप थी इसलिए भगवान कृष्ण ने उनके साथ विवाह रचाया था।

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